देहरादून:आरटीओ देहरादून में ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट में फेल होने के डर से लोग अब लाइसेंस बनवाने के लिय विकासनगर और ऋषिकेश जा रहे हैं. जब से आरटीओ विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए प्रैक्टिकल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की है. तब से अधिकतर आवेदन टेस्ट में फेल हो रहे हैं. जिसके कारण वह अब दूसरे शहर से अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रहे हैं. आरटीओ कार्यालय में भी धीरे-धीरे आवेदन कम हो चुके हैं.
जुलाई 2019 शासन के आदेश पर परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ विभाग ने आवेदकों के टेस्ट की प्रक्रिया आईडीटीआर झाझरा में शुरू कर दी थी. आईडीटीआर झाझरा में ट्रैक पर वाहन चलवाकर टेस्ट लिया जाता है. इसमें यातायात के साथ ही अन्य नियमों की जानकारी को भी परखा जाता है. जिसके कारण आवेदक टेस्ट में फेल हो जाते हैं. जिस कारण आईडीटीआर झाझरा में परमानेंट ड्राइविंग बनने के बाद से आवेदकों के परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस में अधिकतर फेल ही हो रहे हैं.
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अगर आंकड़ों की बात करें तो प्रतिदिन टेस्ट में 30 से 40 प्रतिशत आवेदक फेल हो रहे हैं. जिस कारण देहरादून आरटीओ में लर्निंग और परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले आवेदकों की संख्या में भारी गिरावट आई है. 2019 में 33610 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया. जिसमें 1691 फेल हुए.
साल 2020 में 15175 लोगों ने आवेदन किया. जिसमें 3146 लोग फेल हो गए. ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट में फेल होने से बचने के लिए अब लोगों ने रास्ते भी तलाश लिए हैं. देहरादून के लोग अब ऋषिकेश और विकासनगर से ड्राइविंग लाइसेंस बना रहे हैं.
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आरटीओ दिनेश पठोई ने जानकारी देते हुए बताया कि जब से आईडीटीआर झाझरा में परमानेंट लाइसेंस के लिए ट्रैक टेस्ट लिया जा रहा है, तब से देहरादून में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या में कमी आई है. ट्रैक पर वाहन चलाते समय अधिकतर आवेदक फेल हो रहे हैं. लोग ट्रैक पर टेस्ट देने से बच रहे हैं. इसलिए ऋषिकेश और विकास नगर से लाइसेंस बनवा रहे हैं. विभाग द्वारा इसका समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है.