देहरादून: उत्तराखंड में हाल ही में पटवारी और जेई परीक्षा पेपर लीक के मामले सामने आये हैं. इससे पहले अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में भर्ती घोटाला और उसके बाद विधानसभा में भी भर्ती प्रकरण को लेकर भी प्रदेश में खूब हंगामा हुआ. सभी मामलों में पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की. पेपर लीक मामले में आरोपियों को जेल भी भेजा गया, मगर कई लोगों को इस मामले में कोर्ट से जमानत मिल गई. जिसके बाद इन आरोपियों के बीजेपी नेताओं से कनेक्शन की खूब चर्चा हो रही है. विपक्ष ने भी इस पर खूब हंगामा कर रहा है. अब भले ही बीजेपी इन नेताओं से पल्ला झाड़ रही हो. लेकिन इतना जरूर है कि कहीं ना कहीं इससे पार्टी की छवि पर भी बट्टा लगा हैं.
संजय धारीवाल ने करवाई किरकिरी: लोक सेवा आयोग से पटवारी और जेई पेपर लीक मामले में पुलिस ने एक के बाद एक्शन लिया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मामले में तेजी से कार्रवाई के लिए जांच हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह को दी. अजय सिंह पहले भी भर्ती घोटाले और पेपर लीक मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करके आरोपियों को जेल की सलाखों तक पहुंचा चुके हैं. इस मामले में जैसे ही एसआईटी की जांच शुरू हुई उसमें अजय धारीवाल का नाम सामने आया. अजय धारीवाल का नाम आते ही बीजेपी खेमे में हड़कंप मच गया.
अभी पार्टी हाकम सिंह पर सफाई देते देते ही थक रही थी ऐसे में अजय धारीवाल का पेपर लीक मामले में नाम सामने आने के बाद पार्टी के सामने समस्या खड़ी हो गई. अजय धारीवाल हरिद्वार के नारसन ब्लॉक के मोहम्मदपुर जट के रहने वाले हैं. अजय धारीवाल की मां प्रधान हैं और संजय धारीवाल एक समय पर नारसन में ही वीडियो गेम की दुकान चलाते थे. उसके बाद उसने परचून की दुकान खोली. छोटी सी परचून की दुकान चलाने वाला संजय धीरे-धीरे नेताओं के संपर्क में आने लगा. बाद में उसने लोन का काम भी शुरू किया. जिसके बाद उसने नेताओं की आवभगत में लगकर राजनीति की सीढ़ियां चढ़ने शुरू की. देखते ही देखते बीजेपी ने उसे संगठन में मंडल अध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी दे दी.
पढे़ं-Paper Leak: घोटालों की नदी से पकड़ी जा रही छोटी मछलियां, विपक्ष पूछे- मगरमच्छों पर कब होगा एक्शन?
संजय की लाइफ भी लग्जीरियस हो गई थी. इन सबके पीछे की वजह पेपर लीक मामले जैसे कारनामे थे. बहुत कम समय में संजय धारीवाल ने अच्छी खासी संपत्ति जोड़ ली. एसआईटी अब संजय धारीवाल की धरपकड़ में छापेमारी कर रही है. अब तक वह एसआईटी की पकड़ से दूर है. संजय धारीवाल के इस पूरे प्रकरण में नाम आने के बाद बीजेपी ने उसे पार्टी से हटा दिया, मगर संजय धारीवाल के पेपर लीक मामले में नाम आने के बाद एक बार फिर से 6 महीने पुराना प्रकरण सबके जेहन में आ गया.
पढे़ं-UKSSSC Paper Leak: HC से हाकम सिंह को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने सरकार और एसआईटी से मांगा जवाब
हाकम सिंह का भी बीजेपी से रहा कनेक्शन: यह कोई पहला मामला नहीं है जब बीजेपी नेता पर इस तरह के आरोप लगे हो. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शपथ लेने के बाद सबसे पहला हमला मुख्यमंत्री ने भर्ती घोटाले पर ही किया. वह अधीनस्थ चयन सेवा आयोग भर्ती घोटाला था. इस पेपर लीक मामले में उत्तरकाशी पंचायत सदस्य रहे हाकम सिंह ने अपनी हनक के बलबूते बहुत कम समय पर अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया.
हाकम सिंह का जैसे ही इस पूरे मामले में नाम आया वैसे ही ना केवल बीजेपी पर बल्कि सरकार पर भी कई तरह के आरोप लगे. मामला तब और पेचीदा हो गया जब एक तरफ पूरी बीजेपी हाकम सिंह से किसी तरह के संबंध होने से इनकार कर रही थी. वहीं, दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह कहकर हड़कंप मचा दिया था कि हाकम सिंह बीजेपी का कार्यकर्ता था और हमें यह स्वीकारना चाहिए. उन्होंने कहा हमें यह देखना चाहिए कि बीजेपी में किस तरह का व्यक्ति शामिल हो रहा है. बाद में हाकम सिंह को एसआईटी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और हाकम सिंह अभी भी जेल में है. बताया जाता है कि हाकम सिंह ने भी बहुत कम समय पर अकूत संपत्ति ना केवल उत्तराखंड बल्कि देश के कई हिस्सों में बना ली थी. उसका बड़े-बड़े अधिकारियों के पास आना-जाना लगा रहता था.