ऋषिकेश: स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नंबर वन बनने का सपना देख रहे नगर निगम का ये ख्वाब कहीं चकनाचूर न हो जाए. क्योंकि यहां मामला ही कुछ ऐसा है. नगर निगम ऋषिकेश को स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर साबित करने के लिए ऑनलाइन वोटिंग की होड़ मची है. लेकिन जमीनी हकीकत पर नजर दौड़ाएं तो नतीजा कुछ और ही निकलता है. शहर के कई चौराहों पर खुले में कूड़ा उड़ेला जा रहा है.
स्वच्छता में फिसड्डी बन रहा ऋषिकेश नगर निगम. इन दिनों स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए सभी नगर निकायों का ऑनलाइन सर्वे किया जा रहा है. ऋषिकेश नगर निगम भी खुद को स्वच्छ बनाने को जद्दोजहद में जुटा हुआ है. निगम की ओर से शहर में स्वछता सर्वेक्षण के विज्ञापन को लेकर भी बड़े-बड़े फ्लैक्स और बैनर लगाए गए हैं. इस विज्ञापन में खर्च भी खूब किया गया. लेकिन जो करना चाहिए था वो नहीं किया.
पढ़ेंः देहरादूनः कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से की मुलाकात, मिला ये आश्वासन
ऋषिकेश नगर के बीचों-बीच कई एकड़ में फैले कूड़ेदान ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है. अद्वैतयानंद मार्ग पर खाली प्लांट में कूड़े का ढेर अपने आप में सबकुछ बयां कर रहा है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि मायकुण्ड स्थित केवलानंद चौक पर जहां स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 का एक बड़ा फ्लैक्स लगा है. वहीं पर खुले में कूड़ा उड़ेला जा रहा है.
अब ऐसे स्वच्छता में खुद को बेहतर बताने वाले नगर निगम की सच्चाई खुलकर सभी के सामने आ गई है. स्थानीय लोगों की मानें तो ऋषिकेश के कुछ क्षेत्रों में ही सफाई व्यवस्था बेहतर है. लेकिन कई स्थानों पर सफाई व्यवस्था बदहाल स्थिति में है. स्थानीय लोग इस बात से भी नहीं गुरेज रहे कि नगर निगम के दावे हवा-हवाई से ज्यादा कुछ नहीं.