देहरादूनः कोरोना संक्रमण में कारगर मानी जा रही रेमडेसिविर इंजेक्शन की सरकारी अस्पतालों में उपलब्धता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. जहां एक ओर दावा किया जा रहा है कि सरकारी अस्पतालों में जरूरत के मुताबिक संक्रमित लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन दूसरी ओर कोरोना मरीज के परिजन बाजारों के मेडिकल स्टोरों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर भटक रहे हैं. जबकि, दवा विक्रेताओं का कहना है कि बाजार में इस इंजेक्शन की सप्लाई उपलब्ध ही नहीं है. सिर्फ सरकारी अस्पतालों में इसकी सप्लाई की जा रही है.
दरअसल, देहरादून जिला प्रशासन का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन मरीज इस इंजेक्शन के लिए बाजारों का रुख कर रहे हैं. जहां उन्हें इंजेक्शन मिल ही नहीं रहा है. जिस पर मेडिकल स्टोर व्यापारियों का कहना है कि अगर सरकारी अस्पतालों में इस इंजेक्शन की उपलब्धता को बताया जा रहा है तो फिर कोरोना संक्रमित के परिजन इस इंजेक्शन की खरीदारी के लिए दर-बदर क्यों भटक रहे हैं? जबकि बाजार में इस इंजेक्शन की सप्लाई उपलब्ध नहीं है. सिर्फ सरकारी अस्पतालों में इसकी सप्लाई होने की जानकारी है. ऐसे में इंजेक्शन की कालाबाजारी कहां से होगी, जब सप्लाई ही नहीं हो रही है.
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रेमडेसिविर इंजेक्शन की औसतन कीमत बाजार में 4500 से 5000 प्रति इंजेक्शन बताई जा रही है. हालांकि, सरकारी अस्पतालों में इसकी कीमत काफी कम बताई जा रही है. जबकि, बाजार में इसकी सप्लाई आसानी से न होने के चलते इसकी ब्लैक मार्केटिंग 20 से 25 हजार रुपये तक बताई जा रही है. हालांकि, मेडिकल स्टोर विक्रेताओं की मानें तो बाजार में यह इंजेक्शन बीते 15 दिनों से सप्लाई में नहीं दिख रहा है.
सामान्य हो रही है रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता: DM आशीष श्रीवास्तव
कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जीवन रक्षक बताई जाने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर जिला अधिकारी आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि कुछ दिन पहले तक इस इंजेक्शन की कमी जरूर सामने आ रही थी, लेकिन पिछले एक-दो दिन से दून मेडिकल कॉलेज में इसकी सप्लाई संबंधित दवा कंपनी की ओर से शुरू कर दी गई है. धीरे-धीरे इस इंजेक्शन का स्टॉक बढ़ता जा रहा है.
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