देहरादूनःनगर निगम के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा हाउस टैक्स के जरिए आता है. यही वजह है कि नगर निगम समय समय पर हाउस टैक्स वसूलने को लेकर न सिर्फ रणनीतियां तैयार करता है, बल्कि तमाम स्कीम भी निकलता है. ताकि बढ़-चढ़कर लोग हाउस टैक्स जमा करें, लेकिन देहरादून नगर निगम क्षेत्र में कई सोसाइटी और मलिन बस्तियां ऐसी भी हैं, जो हाउस टैक्स जमा करना तो चाहते हैं, लेकिन हाउस टैक्स जमा नहीं कर पा रही है. या यूं कहें कि निगम इनसे अभी भी टैक्स पूरी तरह से वसूल नहीं कर पा रहा है.
देहरादून में कई ऐसे इलाके और क्षेत्र हैं, जहां पर लोग टैक्स तो जमा करना चाहते हैं, बावजूद इसके नगर निगम में उनका टैक्स जमा (Tax Collection in Dehradun) नहीं हो पा रहा है. हालांकि, नगर निगम का प्रशासनिक तंत्र अब इस दिशा में कार्य करने लगा है. हाउस टैक्स के मामले को नगर निगम भले ही गंभीरता से लेने की बात कर रहा है. इसके बावजूद इसके अभी भी बड़ी संख्या में बकाएदार मौजूद हैं. जो ऑनलाइन टैक्स जमा करने में सक्षम हैं. उनसे ऑनलाइन टैक्स को लिया जा रहा है, जबकि जो ऑनलाइन किराया जमा करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. उन स्थानों और क्षेत्रों में नगर निगम आने वाले समय में कैंप आयोजित करने की योजना बना रहा है. जिससे बकायेदारों से टैक्स जमा करवाया जा सके.
देहरादून नगर निगम के लिए 'कलेक्शन' बना सिरदर्द. करीब 22 हजार भवन मालिकों ने जमा नहीं कराए टैक्सःदरअसल, स्वकर निर्धारण प्रणाली के तहत मलिन बस्तियों में रह रहे भवन मालिकों से भी नगर निगम पहले हाउस टैक्स वसूल कर रहा था. जिसके तहत साल 2018 तक 40 हजार भवनों में से 18 हजार के करीब भवनों का हाउस टैक्स भी जमा हो गया था, लेकिन इसके बाद निगम की बजाय शासन ने नए सॉफ्टवेयर के माध्यम से टैक्स लेना शुरू किया तो उसमें मलिन बस्तियों के शेष भवनों यानी करीब 22 हजार भवन मालिक टैक्स जमा नहीं करवा पाए. तब से यह प्रक्रिया अटकी हुई है. जिसके चलते तमाम लोग हाउस टैक्स जमा नहीं करवा पा रहे हैं.
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जीआईएस मैपिंग से नहीं हो पा रहे टैक्स जमाःबता दें कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मलिन बस्ती सुधार समिति के अध्यक्ष रहे और पूर्व विधायक राजकुमार ने शासन एवं नगर निगम से मांग की थी कि सभी भवनों का टैक्स जमा करना शुरू किया जाए, ताकि लोगों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े. जिसके बाद देहरादून में जीआईएस मैपिंग (GIS mapping in Dehradun) के तहत अब तक निगम ने 10 हजार ऐसे भवन मालिकों को चिह्नित किया है, जिनका टैक्स जमा नहीं हो रहा है. इनमें भी एक अनुमान के मुताबिक 6 हजार भवन मलिन बस्तियों के ही हैं. टैक्स के दायरे में वही भवन आएंगे जो साल 2016 से पहले बने होंगे.
वर्तमान वित्तीय वर्ष में वसूला गया₹20 करोड़ हाउस टैक्सः देहरादून नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नगर निगम में 50 करोड़ रुपए हाउस टैक्स वसूलने का लक्ष्य रखा है. हालांकि, अभी तक नगर निगम को 20 करोड़ रुपए हाउस टैक्स वसूल करने में कामयाबी हासिल हुई है. टैक्स कलेक्शन को बढ़ाए जाने को लेकर मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि देहरादून की जो सरकारी विभाग के ऑफिस, प्राइवेट ऑफिस और बड़े मॉल्स/कॉम्प्लेक्स हैं, जो हाउस टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं, उनको चिन्हित कर नोटिस दिया गया है. लिहाजा, आगे इन पर कार्रवाई की जाएगी.
ऑनलाइन हाउस टैक्स जमा करने पर जोरः वहीं, देहरादून के एमएनए मनुज गोयल (Dehradun Municipal Commissioner Manuj Goyal) ने बताया कि भवन स्वामियों को हाउस टैक्स जमा करने में सहूलियत दिए जाने के लिए ऑनलाइन हाउस टैक्स जमा करने की प्रक्रिया शुरू की गई है जिसके जरिए नगर निगम की वेबसाइट पर जाकर भवन स्वामी अपना हाउस टैक्स जमा कर सकते हैं ऐसे में उन्हें नगर निगम ऑफिस या कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा अगर किसी भवन स्वामी को टैक्स के संबंध में कोई शिकायत है तो वह वेबसाइट पर ही अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। यानी कुल मिलाकर भवन स्वामी शिकायत और हाउस टैक्स नगर निगम की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन ही कर सकते हैं.
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40 से 45 फ़ीसदी मकान स्वामी ही जमा करते हैं हाउस टैक्सःदेहरादून मेयर सुनील उनियाल (Dehradun Mayor Sunil Uniyal Gama) ने बताया कि निगम क्षेत्र में रहने वाले मकान स्वामियों में से करीब 40 से 45 फीसदी भवन स्वामी ही हाउस टैक्स जमा करते हैं. सभी भवन स्वामी हाउस टैक्स जमा करने लग जाएंगे तो उससे नगर निगम क्षेत्र की विकास गति पकड़ेगी. ऐसे में उन लोगों को भवन टैक्स जमा करने के लिए जागरूक होने की जरूरत है, ताकि लोग अपनी जिम्मेदारी समझकर हाउस टैक्स जमा करें. क्योंकि, भवन टैक्स के माध्यम से ही शहर के विकास कार्य किए जाते हैं. अगर लोग हाउस टैक्स जमा नहीं करेंगे तो इससे शहर के विकास की गति धीमी होगी.
मलिन बस्तियों के टैक्स जमा करने के लिए लगाए जाएंगे कैंपःमलिन बस्तियों में रहने वाले तमाम भवन स्वामी टैक्स जमा करना चाहते हैं, लेकिन टैक्स नहीं जमा कर पा रहे हैं. इस पर मेयर गामा ने भी माना कि तमाम लोग जो कि मलिन बस्तियों में रहते हैं, वो टैक्स जमा करना चाहते हैं, लेकिन टैक्स नहीं जमा कर पा रहे हैं. ऐसे में मलिन बस्तियों में भी नगर निगम की ओर से कैंप लगाए जाएंगे. जिसके माध्यम से मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग हाउस टैक्स जमा कर पाएंगे. हालांकि, टैक्स जमा करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया भी शुरू की गई है. ऐसे में जो टैक्स जमा कराना चाहते हैं, वो ऑनलाइन भी टैक्स जमा करा सकते हैं.
ड्रेनेज सिस्टम के लिए बनाया जा रहा मास्टर प्लानःदेहरादून नगर निगम (Dehradun Municipal Corporation) क्षेत्र के कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर ड्रेनेज सिस्टम नहीं है. जिसके चलते भवन स्वामियों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा, नगर निगम ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने के साथ ही निगम के सभी क्षेत्र में हर जगह ड्रेनेज सिस्टम (Dehradun Drainage System) उपलब्ध हो, इस संबंध में एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. दरअसल, इस संबंध में निगम क्षेत्र के सभी पार्षदों से सुझाव मांगे गए थे और उन सुझावों को लेने के बाद वृहद स्तर पर एक बैठक सिंचाई विभाग के साथ की गई थी. लिहाजा, शहर भर के ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत किए जाने के मास्टर प्लान को सिंचाई विभाग की ओर से तैयार किया जा रहा है. जिसके तहत निगम क्षेत्र में शत-प्रतिशत ड्रेनेज सिस्टम मजबूत कर दिया जाएगा.
सीवरेज सिस्टम के लिए सरकार को भेजा जाएगा डीपीआरःदेहरादून नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत तमाम ऐसे पॉश इलाके और क्षेत्र हैं, जहां पर सीवरेज की एक बड़ी समस्या है. जिसे देखते हुए नगर निगम सीवरेज सिस्टम (Dehradun Sewage System) को मजबूत बनाए जाने के लिए एक डीपीआर तैयार करेगा, जिसे भारत सरकार को भेजा जाएगा. वर्तमान समय में 11 वार्डों में सीवरेज, ड्रेनेज समेत तमाम कार्य एडीबी के माध्यम से किए जा रहे हैं. मेयर गामा ने बताया कि कई क्षेत्रों में लेवल की भी समस्या है, जिसके चलते कई जगह पर सीवरेज लाइन डालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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