देहरादून: कोरोना के लिहाज से उत्तराखंड के लिए राहत की बात ये है कि प्रदेश में एक्टिव केसों (जिनका इलाज चल रहा है) की संख्या कम होने लगी है, लेकिन खतरा ज्यादा बढ़ गया है. क्योंकि लोग अब पहले से ज्यादा लापरवाही बरत रहे हैं. वहीं देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में 11 अधिकारियों (new corona cases in uttarakhand) के संक्रमित होने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ गई है.
उत्तराखंड में इस समय एक्टिव केसों की संख्या 144 हैं. ये आंकड़े बता रहे हैं कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति काफी काबू में है. लेकिन चिंता इस बात की है कि कोरोना को लेकर बरती जा रही लापरवाही घातक साबित हो सकती है. कोरोना की दूसरी लहर को हर किसी ने बहुत करीब से देखा और महसूस किया, जब अस्पतालों के बाहर लाइन लग रही थी. लोग ऑक्सीजन के लिए भटक रहे थे. दवा के लिए तड़प रहे थे. ऐसा मंजर जिंदगी में पहली बार लोगों को देखने को मिला था. इसके बावजूद लोग वो सबकुछ भूल कर लापरवाही की हद पार कर रहे हैं. बाजार में भीड़ उमड़ रही है. शारीरिक दूरी की अनदेखी की जा रही है. लोग मास्क लगाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. हालांकि चिकित्सक तीसरी लहर को लेकर बार-बार लोगों से सावधान रहने की अपील कर रहे हैं. बावजूद लोग लापरवाही की हद (people are careless about corona guidelines) पार कर रहे हैं.
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कहीं हो न जाए कोरोना विस्फोट:कुछ समय पहले तक प्रदेश में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने को लेकर शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की काफी अलर्ट नजर आ रहा था, लेकिन अब जैसे ही शासन-प्रशासन में सख्ती कम की लोगों ने भी लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है. ऐसे में डर है कि कई दोबारा से कोरोना विस्फोट न हो जाए.