देहरादून:शहर के अगर किसी क्लीनिक का एक साल का बनने वाला एस्टेब्लिशमेंट एक्ट रजिस्ट्रेशन खत्म हो गया है, तो जल्द ही वह अपना रजिस्ट्रेशन रिन्यू करवा ले. अगर ऐसा नहीं किया तो टीम द्वारा चेकिंग के दौरान प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपये का जुर्माना देना होगा. देहरादून सीडीओ निकिता खंडेलवाल ने बैठक कर सीएमओ सहित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि टीम गठित करके शहर में चेकिंग अभियान शुरू किया जाए.
सीडीओ ने निर्देशित किया है कि शहर में जो बिना मानकों के क्लीनिक चल रहे हैं, जो एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के मानकों को पूरा नहीं करते हैं तो ऐसे क्लीनिक पर कार्रवाई करने के लिए तहसीलवार टीमें बनाई जाएं. जिससे मानकों को पूरा करने वाले क्लीनिक आम जनता के जीवन से खिलवाड़ न कर सकें. साथ ही टीम को निर्देशित किया है कि कोई बिना मानकों के क्लीनिक मिलता है तो उसे मौके पर ही सील करें.
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सीडीओ निकिता खंडेलवाल ने कहा कि राज्य में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट प्रभावी है. उसके चलते सभी क्लीनिक का एक साल का रजिस्ट्रेशन होता है. एक साल के बाद वह खत्म हो जाता है. इसलिए एक साल बाद रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराना अनिवार्य है. ऐसे जितने भी क्लीनिक हैं जो रजिस्ट्रेशन कराने के बाद रिन्यू नहीं कराया है सभी को निर्देशित किया जाएगा कि रिन्यू कराएं. अगर कोई रिन्यू नहीं कराता है तो 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा. कमेटी की मीटिंग में निर्णय लिया गया है कि जितने भी बिना रजिस्ट्रेशन क्लीनिक हैं, उनमें टीम जाएगी और उन पर 25 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा. वह रजिस्टर्ड नहीं कराते हैं और मानकों को पूरा करते हैं तो उन्हें सख्त निर्देश दिए जाएंगे. कुछ शहर में ऐसे क्लीनिक जो एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के मानकों को पूरा नहीं करते हैं तो उनके द्वारा तहसील के हिसाब से टीम बनाई है. अगर कोई ऐसा क्लीनिक पकड़ में आता है तो उनको मौके पर ही सील किया जाएगा.