मसूरीःपहाड़ी पेडलर सोमेश पंवार (Peddler Somesh Panwar) निवासी पांडुकेश्वर बदरीनाथ द्वारा पिछले वर्षों की भांति साइकिल से बदरीनाथ धाम से यात्रा शुरू (Somesh Panwar journey starts from Badrinath Dham) कर दी है. वह साइकिल से 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करने जा रहे हैं. इसके तहत शनिवार को सोमेश पंवार मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट (Somesh Panwar in George Everest) पहुंचे. जहां मसूरी मसूरी एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी, रिटायर्ड एडमिरल पूर्व डायरेक्टर ब्रह्मास्त्र परियोजना ओम प्रकाश राणा, डायरेक्टर उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र प्रोफेसर महेंद्र प्रताप बिष्ट समेत कई जाने माने लोगों ने सोमेश पंवार का स्वागत किया. इस मौके पर हिमालय संदेश अमृत यात्रा विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया.
मसूरी में सोमेश पंवार का जोरदार स्वागत, निकले हैं 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पर
मसूरी पहुंचे पेडलर सोमेश पंवार (Peddler Somesh Panwar) का स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जोरदार स्वागत किया. सोमेश पंवार बदरीनाथ धाम से 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पर हैं. सोमेश पंवार का कहना है कि यात्रा का उद्देश्य हिमालय के पर्यावरण तथा संस्कृति का संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार करना है.
गोष्ठी में सभी मौजूद लोगों ने हिमालय संरक्षण को लेकर अपने विचार रखे. सोमेश पंवार ने कहा कि 2020 में उनके द्वारा बदरीनाथ धाम से कन्याकुमारी तक 4 हजार किमी की यात्रा 41 दिनों में पूरी की गई थी. साल 2021 में बदरीनाथ धाम से देश के चारों धामों, द्वारकापुरी, जगन्नाथ पुरी तथा रामेश्वरम तक की 8 हजार किलोमीटर की यात्रा की गई. यह यात्रा 101 दिनों में पूरी की गई थी. इस साल उनके द्वारा बदरीनाथ धाम से 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा (Somesh Panwar Jyotirlinga Journey) प्रारंभ की गई है. यह यात्रा उनके लिए बेहद खास है और वे इसके लिए काफी उत्साहित हैं.
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सोमेश पंवार ने बताया कि इस वर्ष की यात्रा का उद्देश्य हिमालय के पर्यावरण तथा संस्कृति का संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार करना है. इस यात्रा का मकसद भी हिमालय के प्रति और सत्य सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करना है. उत्तराखंड की तीर्थाटन के बारे में लोगों को अवगत कराना है. उन्होंने कहा कि यह यात्रा करीब 15 हजार किमी की होगी, जो 15 राज्यों से होते हुए जाएगी. उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान उत्तराखंड की संस्कृति के बारे में लोगों को बताना उनका मकसद है. उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान लोगों को भारत को एक सूत्र में बांधने का संदेश देना है. सत्य सनातन धर्म और हिमालय की संस्कृति, सभ्यता और संस्कार के बारे में लोगों को जागरूक करना है.