विकासनगर:इस बार कम बारिश होने की वजह से जौनसार बावर में हरी मटर की खेती प्रभावित हुई है. ऐसे में मटर की खेती करने वाले काश्तकारों में मायूसी देखने को मिली है. मटर की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि लगभग 452 हेक्टेयर की सिंचित भूमि पर हरी मटर की पैदावार की जाती है. यहां के अधिकतर किसान बारिश पर ही निर्भर हो कर खेती करते हैं. ऐसे में समय पर बारिश ना होने की वजह से मटर की खेती प्रभावित हुई है, जिससे किसानों का काफी नुकसान हुआ है.
किसानों ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार हरी मटर की पैदावार 50 परसेंट के करीब ही रह गई है. साहिया मंडी के किसानों ने बताया कि पिछले साल कोरोना काल में हरी मटर की पैदावार काफी अच्छी थी. लेकिन तब भाव कम था. इस साल जब मटर के भाव अच्छे हैं, तो बारिश समय पर ना होने की वजह से मटर की पैदावार काफी कम है. ऐसे में मटर की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि बीज के दाम भी निकल पाना मुश्किल है, जबकि इस साल मंडी में मटर लगभग 20 से 21 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही है.