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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का बयान, कहा- सूबे में अव्यवस्थाओं के चलते घटा वोट प्रतिशत

टिहरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह ने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग अपनी तैयारी सही तरीके से करता तो वोट प्रतिशत को बढ़ाया जा सकता था. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

Preetam singh

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Published : Apr 13, 2019, 10:21 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों पर मतदान होने के बाद अब परिणाम को लेकर बीजेपी और कांग्रेस अपने-अपने तरीके से गुणा-भाग में करने में जुटी है. संसदीय क्षेत्र में ब्लॉक और बूथ स्तर पर मत प्रतिशत का आंकलन किया जा रहा है. उधर, टिहरी लोकसभा सीट बीजेपी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह को परास्त करने का दम भरने वाले कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह के मतदान संपन्न होने के बाद सुर बदल गए हैं. ऐसे में अब प्रीतम सिंह निर्वाचन व्यवस्था को ही कटघरे में खड़ा करते हुए कई तरह के सवाल उठा रहे हैं. हालांकि, उनका कहना है कि लोगों ने इस बार व्यवस्था परिवर्तन के लिए मतदान किया है.

प्रीतम सिंह ने निर्वाचन व्यवस्थाओं पर खड़े किये सवाल.
निर्वाचन व्यवस्था लचर होने के चलते वोट प्रतिशत घटा: प्रीतमटिहरी लोकसभा संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह ने निर्वाचन आयोग की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राज्य 11 अप्रैल को हुए मतदान के दिन भारी अव्यवस्थाओं के चलते वोट उत्तराखंड में इस बार प्रतिशत घटा है. प्रीतम सिंह ने कहा कि निर्वाचन प्रशिक्षण व व्यवस्था बनाने तैयारियां आधी-अधूरी थी. जिसके कारण सूबे में मतदान के दौरान तरह-तरह की अव्यवस्थाएं देखने को मिली. ऐसे में कतार में खड़े वोटर बिना वोट डाले ही घर लौट गए.

टिहरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह ने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग अपनी तैयारी सही तरीके से करता तो वोट प्रतिशत को बढ़ाया जा सकता था. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया जो दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रीतम सिंह ने कहा कि बीजेपी हर चुनाव में एक नारा देकर चुनाव लड़ती है और चुनाव संपन्न होने के बाद उस नारे को दरकिनार कर अलग लीक पर चलने लगती है.

लोगों ने इस बार व्यवस्था परिवर्तन के लिए किया वोट : प्रीतम
प्रीतम सिंह ने कहा कि बीजेपी अभी तक हर बार अलग-अलग मुद्दों पर चुनाव लड़ती आई है. लेकिन परिणाम आने के बाद वह जनता से अपने किये वादों को भूलती गई. आज उत्तराखंड में पलायन और बेरोजगारी मुख्य मुद्दा है. लेकिन बीजेपी इन मुद्दों से हटकर इस बार भी अपने अलग ही मुद्दों पर चुनाव लड़ी है. ऐसे में जनता को बीजेपी का यह खेल समझ आ गया है. प्रीतम सिंह ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि इस बार जनता ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए वोट किया है. ऐसे में इस बार उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का परचम लहराएगा.

बहरहाल, उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद दोनों की मुख्य पार्टियों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि, जनता का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है. ऐसे में चुनावी समर में किसके हिस्से जीत होगी और किसके हिस्से हार, इसके पता 23 मई को परिणाम आने के बाद ही लग पाएगा.

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