देहरादून:उत्तराखंड में फाइलों पर कुंडली जमाने की आदत राज्य की विकास योजनाओं पर हमेशा भारी पड़ती रही है. चिंता इस बात की है कि आपातकालीन सेवाओं से जुड़े मामलों पर भी फाइलों को लेकर यही सुस्ती दिखाई दे रही है. जिसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है.
108 लटका आपातकालीन सेवा का भुगतान. दरअसल, 108 आपातकालीन सेवा का एनएचएम और स्वास्थ्य विभाग द्वारा 90 और 10 के रेशियों में भुगतान किया जाता है. इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी एनएचएम की तरफ से आपातकालीन सेवा के भुगतान में ज्यादा लेटलतीफी दिखाई जा रही है. हालत यह है कि करीब 4 महीने से अनुमानत 7 करोड़ के भुगतान की फाइलें अधिकारियों द्वारा सुस्त चाल से आगे बढ़ाया जा रहा है.
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर कुछ तेजी दिखा रहा है, लेकिन बावजूद इसके खबर है कि करीब दो करोड़ का बकाया स्वास्थ्य विभाग पर भी बना हुआ है. जानकारी के अनुसार कुल 9 करोड़ के बकाए के चलते 108 आपातकालीन सेवा चला रही कंपनी भी आर्थिक परेशानी से जूझ रही है.
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बता दें कि इससे पहले इस सेवा को चला रही जीवीके कंपनी भी ऐसी ही सरकारी सुस्ती का शिकार हुई थी. जिसके बाद लंबे समय तक 108 सेवा के पहिए जाम हो गए थे. जिसका सीधा नुकसान आम जनता को झेलना पड़ा था. हालांकि स्वास्थ्य विभाग भी मान रहा है कि यह सेवा आपातकालीन है इसलिए इसका भुगतान हर महीने किया जाना चाहिए. साथ ही विभाग अपने स्तर पर भी इसका प्रयास कर रहा है.