ऋषिकेश:परमार्थ निकेतन के प्रबंधक द्वारा स्वर्गाश्रम में स्वामी शुकदेवानंद ट्रस्ट की संपत्ति हड़पने के मामले में कोर्ट ने 3 साल बाद आरोपी शरद चंद्र मिश्रा समेत उनके परिवार के 6 लोगों व दो अन्य को बरी कर दिया है. अदालत का फैसला 3 साल बाद पक्ष में आने पर शरद चंद्र मिश्रा समेत उनके परिवार के लोग खुश हैं. उनका कहना है कि यह न्याय की जीत है.
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी रवि प्रकाश की अदालत में परमार्थ निकेतन आश्रम के प्रबंधक राम अनंत तिवारी के मामले में फैसला सुनाया गया. कोर्ट ने मामले में आरोपी शरद चंद्र मिश्रा, उनके पिता प्रेम शंकर मिश्रा, माता विमला मिश्रा, भाई सुनील कुमार मिश्रा, पवन कुमार मिश्रा, भाभी उषा मिश्रा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. ये भी लोग जौनपुर जिले के सुदनीपुर गांव के रहने वाले हैं, जो वर्तमान में परमार्थ निकेतन प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग केंद्र, स्वर्गाश्रम के निवासी है. इसके साथ ही कोर्ट ने सुनीता जेठूडी और भगवान जेठूडी, निवासी स्वर्गाश्रम को भी दोषमुक्त करार दिया.