उत्तराखंड

uttarakhand

By

Published : Jul 21, 2021, 4:14 PM IST

ETV Bharat / state

दून अस्पताल में 1 साल से खराब है MRI मशीन, मरीजों को लूट रहीं निजी लैब

दून मेडिकल कॉलेज में पिछले 1 साल से MRI मशीन खराब पड़ी है. ऐसे में MRI की जांच कराने के लिए मरीजों को प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. यहां पर मरीजों से मनमाना पैसा वसूला जा रहा है.

Dehradun
दून अस्पताल में नहीं है MRI मशीन की सुविधा

देहरादून: उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में अभी तक नई MRI मशीन नहीं लग पाई है. पुरानी मशीन की मियाद पूरी होने के बाद से वो काफी समय से खराब पड़ी हुई है, लेकिन अस्पताल प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है. इसका नतीजा ये है कि दून अस्पताल में MRI कराने आने वाले मरीजों को निजी अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

दरअसल, पिछले 1 साल से दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में MRI मशीन की सुविधा नहीं है. ऐसे में यहां MRI कराने आने वाले मरीजों को मजबूरन प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. यहां पर मरीजों का दोगुने रेट पर MRI किया जा रहा है. इस संबंध में दून अस्पताल के MRI इंचार्ज महेंद्र भंडारी का कहना है कि इससे पहले दून अस्पताल में MRI मशीन से रोजाना 30 से 35 जांचों के 35 सौ रुपए लगते थे. लेकिन निजी डायनेस्टिक सेंटरों पर जांच के 7 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी पहुंचे CM पुष्कर सिंह धामी, आपदा प्रभावितों ने लगाए बीजेपी मुर्दाबाद के नारे

वहीं, दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. केसी पंत का कहना है कि अस्पताल की MRI मशीन काफी दिनों से खराब है. इसकी रिपेयरिंग कराने में काफी पैसा खर्च हो रहा था, जिसके बाद सरकार ने नई मशीन खरीदने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि लेटेस्ट मॉडल की मशीन को मंगाने की प्रक्रिया चल रही है. डॉ. पंत के मुताबिक नई MRI मशीन महंगी होने के अलावा विदेश से आयात होनी है. इसलिए थोड़ा समय जरूर लग रहा है.

ये भी पढ़ें: मसूरी में वुड स्टॉक स्कूल के भवन का पुश्ता ढहा, मलबा आने से रोड हुई बंद

उन्होंने बताया कि कोरोना काल में MRI जांच की इतनी जरूरत नहीं महसूस की गई थी, क्योंकि सीटी स्कैन से जांच हो जाया करती थी. लेकिन जब ब्लैक फंगस के केस सामने आने लगे, तब MRI मशीन की जरूरत पड़ी है. उन्होंने कहा कि भले ही MRI मशीन की जांच में 20 से 25 मिनट का समय लगता है, लेकिन ये डायग्नोस्टिक रूप से उपयोगी साबित होती है. वहीं, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि जल्द ही प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों को MRI मशीन मुहैया करा दी जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details