देहरादून: उत्तराखंड में डेंगू ने खतरनाक रूप ले लिया है. सबसे ज्यादा बुरा हाल राजधानी देहरादून का है. आलम यह है कि उत्तराखंड के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के सैंपल कलेक्शन सेंटर में एलाइजा जांच के लिए मरीजों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. खून की जांच की रिपोर्ट भी मरीजों को दो दिन के बाद विलंब से मिल रही हैं.
देहरादून में डेंगू ने 2019 जैसी स्थिति पैदा कर दी है. इस बार डेंगू ने राजधानी देहरादून में कहर बरपाया है. ऐसा कोई मोहल्ला नहीं है, जहां पर डेंगू के मरीज नहीं मिल रहे हों. ऐसे में दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के सैंपल कलेक्शन सेंटर में प्रदेश भर के आए मरीजों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. इनमें से अधिकांश मरीज डेंगू के लक्षणों वाले हैं, जिन्हें जांच रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ रहा है.
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जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिलने पर यह नहीं पता चल पा रहा है कि मरीज के प्लेटलेट्स की वर्तमान स्थिति क्या है. इससे दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गई है. संबंधित चिकित्सक भी मरीज के ब्लड जांच की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. दरअसल दून अस्पताल की पुरानी इमारत में संचालित किये जा रहे कलेक्शन सेंटर में डेंगू की जांच को लेकर मरीजों और उनके तीमारदारों की लंबी लाइन लग रही है.
मरीज और उनके तीमारदारों को घंटों अपनी रिपोर्ट के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. सिंगल विंडो सिस्टम के चलते मरीजों और उनके परिजनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक से आई वंदना राणा के पति केदार सिंह उम्र 38 वर्ष को नौगांव सीएचसी से तबीयत खराब होने पर देहरादून रेफर किया गया. दून अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि उनके पति को डेंगू है. उनके पति दून अस्पताल में एडमिट हैं, लेकिन अपने पति की ब्लड रिपोर्ट के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा.
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