देहरादून: उत्तराखंड में पर्वतारोहण और एडवेंचर के लगातार बढ़ रहे स्कोप के बीच धारचूला मुनस्यारी में NIM की तर्ज पर 2014 में पंडित नैन सिंह माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट कि नींव रखी गई थी. लेकिन आज तक यह संस्थान सफेद हाथी बना हुआ है. उत्तराखंड के पर्वतारोहण के शौकीनों को प्रशिक्षण के लिए हिमाचल जाना पड़ रहा है.
सफेद हाथी बना मुनस्यारी का पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण इंस्टीट्यूट: उत्तराखंड में एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्वतारोहण की अपार संभावनाओं को देखते हुए वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में साहसिक खेलों और पर्वतारोहण के प्रशिक्षण में महारत रखने वाले नेहरू माउंटनियरिंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट निम की तर्ज पर कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी क्षेत्र में पंडित नैन सिंह पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान की नींव रखी थी. मुनस्यारी जैसे खूबसूरत इलाके में एडवेंचर ट्रेनिंग के लिहाज से बेहद मुफीद इंस्टीट्यूट की खेल विभाग के तहत नींव तो रखी गई, लेकिन आज तक यह इंस्टीट्यूट सफेद हाथी बना हुआ है. यहां पर अपार संभावनाएं होने के बावजूद भी उस तरह से ना तो प्रशिक्षण का काम किया जा रहा है और ना ही यहां पर किसी तरह की कोई एडवांस ट्रेनिंग दी जा रही है.
उत्तराखंड के लोगों को ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ रहा है हिमाचल: पिथौरागढ़ में ही साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में पिछले कई सालों से काम कर रही संस्था क्लाइम्बिंग बियोंड द समिट (CBTS) के संचालक योगेश गबराल का कहना है कि पिछले कई सालों से पर्वतारोहण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. वह ज्यादातर उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों से आने वाली महिला प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देते हैं. उन्हें साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में कुशल बनाते हैं. ताकि खासतौर से पर्वतीय जिलों में रहने वाली महिलाएं एडवेंचर टूरिज्म के जरिए अपनी आजीविका चला सकें. अपने साथ अपने परिवार और अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनें.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ: CBTS के संचालक योगेश गबराल का कहना है कि वह एक क्षेत्रीय व्यवसायी हैं जो कि उत्तराखंड में एडवेंचर स्पोर्ट्स और साहसिक गतिविधियों को लेकर लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन यहां पर ट्रेनिंग सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोई बड़ा संस्थान ट्रेनिंग के क्षेत्र में काम नहीं कर रहा है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा प्रशिक्षण के लिए उनकी महिला ट्रेनर को इंस्टीट्यूट नहीं मिलने की वजह से हिमाचल भेजना पड़ रहा है. योगेश गबराल का कहना है कि मुनस्यारी में मौजूद खेल विभाग का एडवेंचर इंस्टीट्यूट सफेद हाथी बना हुआ है. इसका किसी भी तरह से उपयोग उत्तराखंड के लोगों के लिए नहीं हो पा रहा है. लंबे समय से इंस्टीट्यूट की केवल दीवारें खड़ी की गई हैं, लेकिन इसमें किसी भी तरह का प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है.
पर्यटन विभाग कर रहा कायापलट का दावा: मुनस्यारी में एडवेंचर स्पोर्ट्स और पर्वतारोहण प्रशिक्षण के लिए पंडित नैन सिंह एडवेंचर इंस्टीट्यूट के रूप में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर होने के चलते उत्तराखंड पर्यटन विभाग की इस इंस्टीट्यूट पर नजर है. पर्यटन विभाग का कहना है कि यदि यह खेल विभाग से उन्हें दे दिया जाता है तो वह इस इंस्टीट्यूट का बेहतर उपयोग कर सकते हैं. उत्तराखंड पर्यटन में एडवेंचर विंग के हेड अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी साहसिक पर्यटन कर्नल अश्विनी पुंडीर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तराखंड में एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए सब कुछ है. बस हमारे पास ट्रेनिंग यानी प्रशिक्षण की कमी है.