देहरादून: उत्तराखंड सरकार की जल्दबाजी हाई कोर्ट के लिए भी चिंता का सबब बन गई है. पंचायती राज एक्ट के तहत राज्य सरकार ने याचिका को लेकर ऐसा नियम तैयार किया, जिससे हाई कोर्ट के लिए भी दिक्कतें शुरू हो गई है. इस याचिका एक्ट के बाद 100 से ज्यादा याचिका हाई कोर्ट में पहुंच चुकी है. बहरहाल, अब राज्य सरकार और हाई कोर्ट इसमें संशोधन के लिए चिंतन कर रहा है.
हाल ही में त्रिवेंद्र सरकार ने पंचायती राज एक्ट लागू किया तो एक के बाद एक खामियां दिखाई देने लगी है. दरअसल, सरकार द्वारा जल्दबाजी में लाए गए इस एक्ट को लेकर कई बिंदुओं पर संशय की स्थिति बन गई है, जिसके बाद कई लोगों ने कोर्ट में एक्ट को चुनौती भी दी. वहीं, पंचायती राज एक्ट में एक ऐसा नियम भी लागू कर दिया गया. जिसने हाई कोर्ट पर ही बेवजह दबाव बनाने का काम किया है.
बता दें कि नए एक्ट के अनुसार पंचायतों के इलेक्शन याचिका महज हाईकोर्ट में ही सुने जाने की व्यवस्था तय की गई है. इसके बाद 100 से ज्यादा याचिका हाई कोर्ट में पहुंची है. अब हाई कोर्ट में बढ़ते मामलों से कोर्ट का काम भी बढ़ गया है. ऐसे में इस अव्यवहारिक नियम में संशोधन को लेकर विचार किया जा रहा है.