देहरादून: उत्तराखंड में तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए वैसे तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारियों को पूरा करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि राज्य के अस्पतालों में बच्चों के इलाज को लेकर पर्याप्त सुविधाएं मौजूद नहीं हैं. डॉक्टरों की भी राज्य में भारी कमी है. दून मेडिकल कॉलेज इस मामले में बड़े स्तर पर तैयारी कर रहा है.
दून मेडिकल कॉलेज में बच्चों के लिए 200 बेड
दून मेडिकल कॉलेज में 200 बेड बच्चों के उपचार के लिए तैयार किए जा रहे हैं. दरअसल राष्ट्रीय स्तर पर देश में तीसरी लहर के दौरान बच्चों में इसका सबसे ज्यादा असर होने की बात कही गई है. ऐसे में पहले ही इस संबंध में तैयारी को लेकर दून मेडिकल कॉलेज ने न केवल अस्पताल को वेल इक्विप्ड करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं, बल्कि डॉक्टरों और दूसरे कर्मियों को भी इसकी ट्रेनिंग और मैनेजमेंट समेत बेड की उपलब्धता पर भी काम किया जा रहा है. दून मेडिकल कॉलेज में न्यू नेटल आईसीयू और पीडियाट्रिक आईसीयू के 200 बेड तैयार किए जा रहे हैं. साथ ही बच्चों के उपचार से जुड़े तमाम जरूरी उपकरणों को भी लाने की तैयारी है. अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सकों से लेकर इंटर और जेआर, एसआर को भी बच्चों के इलाज को लेकर बेसिक क्लीनिकल नॉलेज से से जुड़ा प्रशिक्षण दिए जाने की तैयारी है, ताकि तीसरी लहर के दौरान न केवल चाइल्ड स्पेशलिस्ट बल्कि दूसरा स्टाफ और डॉक्टर भी बच्चों के इलाज को बेसिक जानकारी के साथ कर सकें.