देहरादून: कालसी वन प्रभाग क्षेत्र स्थित कुल्हाल चौकी खनन को लेकर बेहद संवेदनशील है. बॉर्डर होने के चलते हिमाचल से आने वाले खनन सामग्री को इसी बैरियर से होकर गुजरना होता है. इस दौरान कुल्हाल चौकी स्थित बैरियर पर चेकिंग के जरिये अवैध खनन पर रोकथाम की कोशिश की जाती है. ऐसी महत्वपूर्ण चौकी पर कालसी डीएफओ की तरफ से आदेश जारी करते हुए चौकी में तैनात कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं.
अवैध उगाही पर कड़ा प्रहार! कुल्हाल वन चौकी से सभी कर्मचारियों को हटाने के आदेश - Order to remove all employees from Kulhal outpost
देहरादून जिले की कुल्हाल चौकी में तैनात सभी वन कर्मियों को हटाने के आदेश दे दिए गए हैं. चर्चा है कि यह मामला अवैध खनन से जुड़ा है, लेकिन संबंधित अधिकारी इसे रूटीन अटैचमेंट के रूप में बता रहे हैं. इस आदेशानुसार तत्काल प्रभाव से वन दारोगा, वन आरक्षी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए गए.
कालसी वन प्रभाग के क्षेत्र में स्थित कुल्हाल बॉर्डर पर वन चौकी में तैनात डिप्टी रेंजर दिनेश कुकरेती, वन दरोगा अवतार रावत, दीपक उनियाल, दो वन आरक्षी और दैनिक वेतन भोगियों को इस चौकी से हटाया गया है. इन सभी कर्मचारियों को कालसी वन प्रभाग कार्यालय में अटैच किया गया है. जिसको लेकर चर्चाएं जोरों पर है कि यह क्षेत्र खनन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और यह बरती गई अनियमितता को लेकर यह कार्रवाई की गई है.
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कालसी डीएफओ अमरेश कुमार ने कहा जिन कर्मियों को हटाया गया है, वह एक रूटीन प्रक्रिया के तहत किया गया है. उच्च अधिकारियों की तरफ से इस चौकी से कर्मचारियों को समय-समय पर हटाने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि डीएफओ कालसी के इस बयानों से हटकर चर्चाएं है कि चौकी द्वारा की गई अनियमितताओं के चलते यह कार्रवाई की गई है. यह चर्चाएं कितनी सही है, यह कहना मुश्किल है, लेकिन जिस तरह कुल्हाल बैरियर खनन को लेकर बेहद महत्वपूर्ण है. उसके बाद इन संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता.