देहरादून: चारधाम यात्रा 7 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो गयी है. हालांकि चारधाम यात्रा को लेकर शासन प्रशासन लाख दावे कर रहा है कि चारधाम यात्रा की तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गयी हैं, लेकिन धरातल की हकीकत कुछ और ही है. इसके साथ ही इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले व्यवस्थाओं का जायजा लेने ना ही पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज पहुंचे और ना ही सचिव पर्यटन पहुंचे. जहां एक ओर विपक्ष ने चारधाम की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है तो वहीं, भाजपा चुनाव और प्रदेश के भौगोलिक परिस्तिथिओ का हवाला देती नजर आ रही है.
चार धाम की तैयारियों को लेकर विपक्ष ने सरकार पर कसा तंज चारधाम की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने कहा कि इस पर चारधाम यात्रा में उम्मीद है कि देश और दुनिया से भारी तादाद में श्रद्धालु आएंगे, लेकिन तीर्थ यात्रियों के लिए जो व्यवस्थाएं सरकार को करनी चाहिए थी वो सरकार नहीं कर पाई है.
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उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाइफ लाइन है और चारधाम यात्रा से उत्तराखंड के करीब 5 लाख परिवारों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. सरकार को सारी व्यवस्था मुस्तैदी के साथ व्यवस्थित करना चाहिए. क्योंकि हम नहीं चाहते कि चारधाम को लेकर सरकार की कोई आलोचना करें, इसलिए सरकार से अनुरोध हैं की सरकार अपनी जिम्मेदारी को ठीक से निर्वहन करें.
आपको बता दें कि चार धाम यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने अभी तक न पर्यटन मंत्री पहुंचे और न ही पर्यटन सचिव. वहीं, इस पर कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी की सेना चुनाव प्रचार में जुटी है और बड़े लोग उत्तराखंड से गायब है क्योंकि उत्तराखंड में चुनाव निपट चुका है.
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वहीं, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने व्यवस्थाओ को पुख्ता बताते हुए कहा कि चारधाम की तैयारियां पूरी हैं लेकिन किसी जगह पर हो सकता है थोड़ी दिक्कत हो, क्योंकि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां थोड़ी भिन्न है. कहीं पर तत्कालिक लैंडस्लाइडिंग हो सकती है, उसके लिए भी जेसीबी लगाई गई है और अगर इसी प्रकार की आपदा भी आती है तो उसके लिए एसडीआरएफ की टीम पहले से ही लगाई जा चुकी है.