देहरादून: लंबे समय से घाटे से जूझ रहे उत्तराखंड परिवहन निगम का एक और घाटा सामने आया है. जिसका अहसास निगम को काफी समय बाद हुआ है. परिवहन निगम द्वारा संचालित होने वाली ऐसी कई रूट की बसें हैं, जहां वर्षों से बस कंडक्टर (परिचालक) उसी मार्ग पर ड्यूटी कर रहे हैं, उसके बावजूद मानक अनुसार अच्छा लोड फैक्टर का राजस्व वह अर्जित नहीं दिखा रहे हैं.
वर्षों से संबंधित मार्ग में काफी संख्या में सवारियों का आवागमन होने के बावजूद संबंधित बस परिचालक अपने लोड फैक्टर में राजस्व का घाटा दिखाए जा रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड परिवहन निगम को कई परिचालकों के कारनामे की वजह से लंबे समय से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
परिवहन निगम ने जब मामले में विस्तृत रूप में समीक्षा की तो पता चला कि संबंधित बस परिचालक के स्थान पर जब कभी दूसरे परिचालक को ड्यूटी पर उस रूट पर भेजा जाता है तो पहले की तुलना लोड फैक्टर का राजस्व मानक के अनुसार मुनाफे का हो जाता है. लेकिन पहले से ड्यूटी कर रहे परिचालक जब उस मार्ग पर चलते हैं तो लोड फैक्टर का राजस्व घट जाता है.