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सिम कार्ड KYC अपडेट के नाम पर हजारों की ठगी, साइबर अपराध से ऐसे बचें

देहरादून में साइबर ठगों ने बीएसएनएल अधिकारी बनकर केवाईसी अपडेट करने के नाम पर सुनील चंद जखमोला से 69 हजार रुपये ठग लिए. मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. आप भी साइबर ठगी से ऐसे करें बचाव..

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साइबर ठगी

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Published : Jun 25, 2021, 3:29 PM IST

देहरादूनःराजधानी दून में साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला पटेलनगर थाना क्षेत्र से सामने आया है. यहां साइबर ठग ने एक व्यक्ति से बीएसएनएल अधिकारी बनकर केवाईसी अपडेट करने के नाम पर हजारों रुपये ठग लिए. पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. वहीं, मामले में पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

दरअसल, सैनिक कॉलोनी निवासी सुनील चंद जखमोला ने साइबर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने बताया है कि उनका 15 साल पुराना बीएसएनएल का नंबर है. बीते दो जून को उनके नंबर पर एक मैसेज आया. मैसेज में लिखा था आपके नंबर की केवाईसी (Know Your Customer) खत्म होने वाली है. उसे जल्द ही अपडेट कराने के लिए कहा गया था.

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अगले दिन सुनील चंद के पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आई. उसने खुद को बीएसएनएल का अधिकारी बताया और कहा कि यदि 13.90 रुपये का भुगतान करेंगे तो ऑनलाइन केवाईसी हो जाएगी, लेकिन इसके लिए एक एप डाउनलोड करना होगा. जिसके बाद इसकी प्रक्रिया शुरू होगी.

सुनील चंद ने एप को डाउनलोड कर इंटरनेट बैंकिंग के जरिए भुगतान करने की कोशिश की. लेकिन ओटीपी समय पर नहीं आने से भुगतान नहीं हो पाया. इसके बाद सुनील चंद ने डेबिट कार्ड से भुगतान किया तो उससे 13.90 रुपये के साथ 24 हजार रुपये भी अकाउंट से कट गए. जिसे देख सुनील चंद के होश उड़ गए और घबराकर अपना फोन बंद कर दिया.

सुनील ने बताया कि जब थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना मोबाइल खोला तो 25 हजार और कटने का मैसेज आया हुआ था. उसके बाद सुनील चंद ने एसबीआई कस्टमर केयर पर संपर्क किया तो इस दौरान सुनील के खाते से कुल 69 हजार रुपये कटने की बात सामने आई.

वहीं, थाना पटेलनगर प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि पीड़ित सुनील चंद ने कार्ड ब्लॉक कराने के बाद साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. साइबर थाना में जांच पूरी होने के बाद थाना पटेल नगर में अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

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ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) से कैसे बचें?

  • फोन पर किसी को भी अपनी बैंक डिटेल न दें.
  • अपना ATM पिन, CVV नंबर, डेबिट पासवर्ड और अकाउंट नंबर किसी को भी शेयर न करें.
  • किसी और का बताया पासवर्ड न बनाएं.
  • ओटीपी (OTP) किसी को भी शेयर न करें.
  • इंटरनेट पर कभी भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर संपर्क न करें.
  • इंटरनेट पर आनी वाली साइटों पर अपनी निजी जानकारी न डालें.
  • किसी भी फ्री और डिस्काउंट के लालच में आकर लिंक पर क्लिक न करें.
  • कुछ महीनों के अंतराल पर अपना पासवर्ड बदलते रहें.
  • एटीएम वैलिडिटी एक्सपायर से संबंधित आने वाले कॉल और मैसेज का जबाव न दें.
  • बैंक के कर्मचारी फोन या ई-मेल पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते.
  • बैंक के कर्मचारी कभी भी एटीएम की वैलिडिटी खत्म होने पर कॉल नहीं करते हैं.
  • डेबिट कार्ड से शॉपिंग करते समय पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल न करें.
  • लेनदेन करने के बाद रसीद जरूर लें.
  • ऑनलाइन शॉपिंग के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट जरूर चेक करें.

ऑनलाइन फ्रॉड होने पर क्या करें?

  • फ्रॉड का शिकार होने के बाद आपको बैंक में तीन दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी.
  • बैंक जांच करेगा कि पैसे आपकी गलती के कारण किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हुए हैं या आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या फिर किसी ने निकाल लिए हैं.
  • साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर बैंक चोरी हुए पैसों की भरपाई करेगा, लेकिन ये भरपाई कुछ शर्तों पर ही होगी.
  • सबसे पहले अपने अकाउंट, कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग को बंद कराएं. इसके बाद पुलिस में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं.
  • बैंक में एफआईआर की कॉपी लेकर जाएं. इसके आधार पर बैंक फ्रॉड की जांच करेगा.

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