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यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में सोनीपत से एक और आरोपी गिरफ्तार, अब तक 56 अरेस्ट - दर्शनानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी

यूकेएसएसएससी परीक्षा धांधली में गिरफ्तारियों का सिसलिसा जारी है. वन दारोगा भर्ती धांधली में सोनीपत से एक गिरफ्तारी हुई है. वन दारोगा की भर्ती परीक्षा 2021 में 316 पदों के लिए हुई थी. 620 अभ्यर्थियों को प्रारंभिक तौर पर चुन लिया गया था. अचानक परीक्षा परिणाम पर संदेह हुआ और एसटीएफ को इस भर्ती परीक्षा की जांच सौंप दी गई.

UKSSSC paper leak
पेपर लीक घोटाला

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Published : Apr 4, 2023, 4:24 PM IST

देहरादून: एसटीएफ ने की यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षाओं की धांधली में शामिल 56वीं गिरफ्तारी की है. यूकेएसएसएससी वन दरोगा ऑनलाइन भर्ती मामले में हरिद्वार स्थित परीक्षा केन्द्र के संचालक को सोनीपत से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हुए आरोपी ने ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में धांधली कराने की नीयत से काॅलेज की पूरी लैब को किराये पर लिया था. एसटीएफ ने वन दारोगा परीक्षा में पांचवें आरोपी की गिरफ्तारी की है. साथ ही आरोपी के आपराधिक इतिहास के संबंध में जानकारी की जा रही है.

बता दें कि यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा 2021, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा, वन दारोगा ऑनलाइन भर्ती परीक्षा और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा 2016 में हुई धांधली को लेकर दर्ज अलग अलग 04 मुकदमों की जांच एसटीएफ द्वारा की जा रही है. इसी क्रम में वन दारोगा ऑनलाइन भर्ती परीक्षा को लेकर दर्ज मुकदमे में आज एसटीएफ द्वारा परीक्षा केंद्र स्वामी दर्शनानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी हरिद्वार के परीक्षा केन्द्र संचालक प्रवीण कुमार राणा निवासी देव नगर थाना सोनीपत जिला सोनीपत हरियाणा की गिरफ्तार की गयी है.

कब हुई थी परीक्षा:यूकेएसएसएससी (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) द्वारा वन विभाग में वन दारोगा के 316 पदों के लिये एनएसईआईटी कंपनी के माध्यम से ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती परीक्षा 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक उत्तराखंड के अलग-अलग जनपदों में स्थित 31 परीक्षा केंद्रों में सम्पन्न कराई गई थी. परीक्षा में उत्तराखंड के करीब 85 हजार अभ्यर्थियों द्वारा अपना आवेदन किया गया और इस परीक्षा के बाद 620 अभ्यर्थियों को प्रारम्भिक तौर पर चयनियत किया. इनका फिजीकल होने के बाद रिजल्ट घोषित किया जाना था.

लेकिन आयोग द्वारा कुछ अभ्यर्थियों के रिजल्ट में संदेह पाये जाने पर इसकी जांच एसटीएफ को सुपुर्द की गयी थी. जांच में प्रारम्भिक तौर पर गड़बड़ी पाये जाने पर एसटीएफ द्वारा इस परीक्षा के सम्बन्ध में साइबर थाना देहरादून में मुकदमा पंजीकृत कराया गया. एसटीएफ द्वारा जांच स्वयं की जा रही है. अभी तक इस परीक्षा में 04 अभियुक्तों प्रशांत, रविन्द्र, अश्विनी कुमार और सचिन कम्प्यूटर लैब टेक्नीशियन की गिरफ्तारी की गयी थी. अब आगे की जांच में हरिद्वार स्थित स्वामी दर्शनानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी काॅलेज के परीक्षा केन्द्र के संचालक प्रवीण कुमार राणा की स्पष्ट भूमिका पाये जाने पर उसकी गिरफ्तारी भी की गयी है.

पेपर लीक कैसे कराया:एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि प्रवीण कुमार राणा ने पूछताछ में बताया कि वह सोनीपत में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है. साल 2020 में उसकी मुलाकात निशान्त चौधरी निवासी रमाला, बागपत से हुई थी. उसने और निशांत चौधरी ने स्वामी दर्शनानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी को 50 रुपये प्रति कंप्यूटर के हिसाब से केवल परीक्षा के लिए 11 महीने के लिए किराए पर लिया था.

उसके बाद ऑनलाइन भर्ती परीक्षा के लिए एससीईआईटी कंपनी से संपर्क किया और परीक्षा कंपनी से एग्रीमेंट किया गया. इस इंस्टिट्यूट में 150 अभ्यर्थियों ने 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक विभिन्न चरणों में ऑनलाइन परीक्षा दी. जहां पर लैब टेक्नीशियन सचिन की मदद से कई अभ्यर्थियों को नकल करायी गयी. इस काम के लिये दोनों व्यक्तियों ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 08 से 10 लाख रुपये वसूले थे. जिन अभ्यर्थियों द्वारा इस परीक्षा केंद्र में नकल की गई है, उनमें से कई अभ्यर्थियों को एसटीएफ द्वारा चिन्हित कर लिया गया है. साथ ही परीक्षा को संपन्न कराने के लिए एससीईआईटी कंपनी द्वारा आरोपियों को 1,71,845 रुपए पेमेंट किया गया. लेकिन आरोपियों द्वारा एसडीआईएमटी कॉलेज को कोई भुगतान नहीं किया गया और फरार हो गये.

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में इतने हो चुके गिरफ्तार:गौरतलब है कि उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा 04 मुकदमों की विवेचना में यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा 2021 परीक्षा की धांधली में अब तक 44, वन दरोगा की परीक्षा में 05, सचिवालय रक्षक परीक्षा में 01 और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा साल 2016 में 06 समेत कुल 56 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है. साथ ही सभी मुकदमों में जांच जारी है और आने वाले समय में अन्य आरोपियों की भी गिरप्तारी संभव है।

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