देहरादून: भारत में करीब 5 दशक तक एंबेसडर कार राजनेताओं से लेकर आम आदमी की पसंद हुआ करती थी. लेकिन बदलते दौर के साथ सरकारी महकमों से एंबेसडर कार दूर होती जा रही है. ऐसा ही नजारा शनिवार को उत्तराखंड सचिवालय के बाहर सड़क पर देखने को मिला, जहां करीब डेढ़ दर्जन एंबेसडर कारों को रिटायर्ड कर कबाड़ में नीलामी के लिए खड़ा कर दिया गया.
बदलते समय के साथ अब राजनेता हो या सरकारी महकमा के अधिकारी, सभी नई गाड़ियों में सवारी करना पसंद करते हैं. लेकिन एक जमाना था जब अधिकारियों की पहली पंसद एंबेसडर कार हुआ करती थी. लेकिन अब उसकी जगह नई लग्जरी गाड़ियों ने ले ली है. यही कारण है कि शनिवार को उत्तराखंड सचिवालय में खराब हो चुकी करीब 18 एंबेसडर कारों को बाहर निकालकर सड़क पर खड़ा कर दिया गया और उसके बाद इन्हें कबाड़ में नीलामी के लिए भेज दिया गया. उस समय जो भी इन कारों को देख रहा था, वह चर्चा किए बिना नहीं रह पाया.