देहरादून: महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है. भारत सहित विदेशों में भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं महिलाओं के प्रति बढ़ती जागरूकता और महिलाओं द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में प्राप्त की गई उपलब्धियों को देखते हुए महिला दिवस को महिलाओं को समर्पित किया गया है.
वहीं महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति समाज अभी भी सजग नहीं दिखाई देता है, जिससे महिलाएं हर साल ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित हो जाती हैं. भारत में ब्रेस्ट कैंसर तेजी से फैल रहा है. बहुत से मामलों में महिलाओं की जान नहीं बच पाती. अगर किसी महिला की जान बच जाती है तो उनकी जिंदगी सामान्य नहीं होती. जानिए क्या कहती हैं ब्रेस्ट कैंसर के बारे में डॉ. मनीषा पटनायक...
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम अधिक. समय रहते डॉक्टर से लें परामर्श:अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर देहरादून मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर डॉ. मनीषा पटनायक उन सभी महिलाओं के प्रति चिंतित दिखाई दीं, जो ब्रेस्ट कैंसर से ग्रसित हो जाती हैं. मनीषा पटनायक का कहना है कि ऐसी महिलाएं कैंसर के साथ-साथ एक मानसिक समस्या से भी जूझती हैं, जिससे सही तरीके से निपटा जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि सर्विक्स कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. जब किसी महिला को बताया जाता है कि उसकी तबीयत खराब है या उसे कैंसर है तो वह अपने बारे में छोड़कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में चिंता करना शुरू कर देती है.
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बीमारी को ना करें नजरअंदाज:इस महिला दिवस पर उन्होंने सभी महिलाओं से निवेदन है कि वे अपने स्वास्थ्य के बारे में सजग हों. किसी भी बीमारी के लक्षण आने पर उसे नजरअंदाज ना करें. जल्द से जल्द किसी डॉक्टर को दिखाएं. क्योंकि जितनी जल्दी स्टेज पर बीमारी का पता लगेगा. उतनी ही आसानी उसे ठीक करने में होगी. विशेषज्ञों के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में से एक है. देश के ग्रामीण हिस्सों की तुलना में शहरी महिलाओं में इसका खतरा अधिक पाया गया है.
ब्रेस्ट कैंसर क्यों होता है:विशेषज्ञों के अनुसार स्तन में कुछ कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने के कारण ब्रेस्ट कैंसर होता है. ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाएं, स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अधिक तेजी से विभाजित होती हैं, जिस कारण ब्रेस्ट में गांठ बन जाती है. यह कोशिकाएं ब्रेस्ट के माध्यम से लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकती हैं. जबकि ब्रेस्ट में गांठ को आसानी से महसूस किया जा सकता है. गांठ बनते ही विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए, जिससे समय पर इलाज हो सके.
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ऐसे करें बचाव: ब्रेस्ट कैंसर की दिक्कत होने पर तुरंत सावधानी बरतनी चाहिए. नियमित डॉक्टर के पास जाकर सलाह और दवा लेनी चाहिए. कैंसर से बचाव के लिए आहार और जीवनशैली को स्वस्थ बनाए रखना आवश्यक माना जाता है. वहीं शराब या धूम्रपान का सेवन करते हैं तो इससे दूरी बना लें. ऐसी आदतें कैंसर के खतरे को और बढ़ा सकती हैं.
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण-
- ब्रेस्ट में गांठ महसूस होना जो आसपास के ऊतक से अलग होता है.
- ब्रेस्ट के आकार और बनावट में असामान्य परिवर्तन नजर आना.
- ब्रेस्ट के ऊपर की त्वचा में परिवर्तन जैसे डिंपलिंग.
- निप्पल व ब्रेस्ट की त्वचा के आसपास की त्वचा में बदलाव या खून आने जैसी समस्या आती है.
- ब्रेस्ट के ऊपर की त्वचा का लाल होना.
- निप्पल से असामान्य रूप से डिस्चार्ज होना.
- ब्रेस्ट के बदलाव को नजरअंदाज न करें.