देहरादून: दीपावली के ठीक दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगा है. इसके कारण विभिन्न मंदिरों में होने वाले अन्नकूट महोत्सव को एक दिन टाल दिया गया है. इस खगोलीय घटना के दौरान धार्मिक मान्यता को ध्यान में रखते हुए ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद हैं. अब मंदिरों के पट सूर्यग्रहण समाप्त होने के बाद शाम को साफ सफाई के बाद खुलेंगे. वहीं, हरिद्वार हरकी पैड़ी गंगा घाट के सभी मंदिरों में सुबह से ही ताला लगा रहा. देश के कोने कोने से हरकी पैड़ी पहुंचे श्रद्धालु मंदिरों में ताला लगा देख निराशा हाथ लगी.
उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत अन्य मंदिरों के कपाट ग्रहण काल के दौरान बंद हैं, जो शाम साढ़े पांच बजे खुलेंगे. ग्रहण काल के दौरान मंदिरों में दर्शन, पूजन, आरती नहीं होगी. बता दें कि, 19 नवंबर को बदरीनाथ और 27 अक्टूबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो रहे हैं. 26 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे. अब तक चारधामों में 44 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.
सूतक के चलते चारधाम सहित मंदिरों के कपाट बंद. पढ़ें: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में कपाट बंद होने की तैयारियां शुरू, फूलों से सजाया गया मंदिर सूर्य ग्रहण मंगलवार को 11 बजकर 28 से शुरू हो जाएगा और शाम 6 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. लेकिन भारत में यह ग्रहण शाम 4 बजकर 22 मिनट से दिखना शुरू हो जाएगा और शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. भारत में ग्रहण का मोक्षकाल सूर्यास्त के साथ ही हो जाएगा. ग्रहण में सूरज का 36.93 फीसदी भाग चंद्रमा तक ढका रहेगा.
27 वर्ष के बाद दीपावली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा: दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण के चलते गोवर्धन पूजा तीसरे दिन यानी 26 अक्टूबर को होगी. ग्रहण समाप्ति होने के बाद मंदिरों में सफाई कर सभी मंदिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्नान कराया जाएगा. इसके बाद देवी देवताओं की मूर्तियों को मंदिर में स्थापित कर शाम की पूजा और आरती संपन्न होंगी.
तुला राशि में लग रहा सूर्यग्रहण:ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दिवाली के अगले दिन लगने वाला सूर्य ग्रहण तुला राशि में लगने जा रहा है. तुला राशि में सूर्य के साथ शुक्र, केतु और चंद्रमा भी मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही बुध, शनि, शुक्र और गुरु ग्रह सभी अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे. बुध अपनी राशि कन्या में तो शनि मकर, शुक्र तुला राशि में तो गुरु अपनी मीन राशि में मौजूद रहेंगे.