देहरादूनः देश में अब तक हुए 65 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन में एक करोड़ लोग ऐसे बताए जा रहे हैं, जिनकी पहली डोज में डॉक्यूमेंटेशन ठीक से नहीं हो पाया है. इनमें तकरीबन 10 हजार लोग उत्तराखंड के बताए जा रहे हैं. इन लोगों की डुप्लीकेशन खत्म करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग जल्द ही कार्रवाई करने जा रहा है.
कोविड-19 की दूसरी लहर में ऐसे कई लोग थे, जिन्होंने आनन-फानन में वैक्सीनेशन करवाया. लेकिन वैक्सीनेशन के दौरान पूरी की जाने वाली सभी डॉक्यूमेंटेशन की औपचारिकताएं ठीक तरह से नहीं की. इसका अंजाम यह हुआ कि वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए अब उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ऐसा उन लोगों के साथ ज्यादा हुआ है जो कि अपनी पहली डोज के दौरान रजिस्ट्रेशन नंबर भूल चुके हैं या फिर उन्होंने साइबर कैफे से रजिस्ट्रेशन किया था या फिर किसी अन्य तरीके से उन्होंने वैक्सीन तो लगा ली, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए. ऐसे लोगों के वैक्सीनेशन का डाटा सिस्टम में तो चल गया, लेकिन वह मैच नहीं हो पा रहा है. ऐसे पूरे देश भर में तकरीबन एक करोड़ लोग हैं.
उत्तराखंड में 5 से 10 हजार लोगः उत्तराखंड की बात करें तो इसी अनुमान को ध्यान में रखते हुए तकरीबन 5 हजार से 10 हजार लोग ऐसे हैं, जिन्हें पहली डोज लगी है. लेकिन उनका डॉक्यूमेंटेशन ठीक से नहीं हो पाया है.