देहरादून: उत्तराखंड में एक सरकारी अधिकारी के पास पांच-पांच विभागों की जिम्मेदारी होने के चलते उन्हें 5-5 वाहन आवंटित हैं. एक वाहन साहब को दफ्तर और घर छोड़ने जाता है. दूसरा साहब के बच्चों को स्कूल, तीसरा साहब के घर के लिए सब्जी और इतना ही नहीं साहब के पालतू कुत्ते को घुमाने के लिए भी इन सरकारी वाहन का उपयोग होता है. ऐसा हम नहीं, बल्कि सरकारी विभागों में लगे संविदा आउटसोर्स वाहन चालक संघ के ड्राइवर कह रहे हैं.
जिन्होंने अब अपने अधिकार के प्रयोग के हनन में सीधा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है. वाहन चालकों ने मांग कि है कि इस तरह के लोगों पर कार्रवाई हो. क्योंकि पहले ही वर्षों से विभागों में आउटसोर्स के तहत कार्य कर रहे चालकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है.
ड्राइवरों ने लगाए गंभीर आरोप संविदा आउटसोर्स वाहन चालक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की है. चालकों का कहना है कि प्रदेश में कुशासन पर अंकुश लगाने की बात तो हो रही है, लेकिन इसकी तस्दीक तो खुद वाहन चालक कर रहे हैं कि राज्य के अधीन विभागों में सरकारी वाहनों का दुरुपयोग हो रहा है. शासन से लेकर सरकार तक एक अधिकारी के पास जितने विभागों की जिम्मेदारी है, उन्हें साथ में उतने ही वाहन दिए गए हैं.
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वहीं, इस वाहनों का प्रयोग अधिकारी अपने निजी सचिव को घर छोड़ने, बच्चों को स्कूल ले जाने और लाने, घर की सब्जी लाने के साथ-साथ पालतू कुत्ते को घुमाने के लिए भी कर रहे हैं. इनदिनों एक अधिकारी की गाड़ी में पालतू कुत्ते को घुमाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. संघ के लोगों का कहना हैं कि चालकों के अधिकारों का हनन और उन्हें प्रताड़ित न किया जाए.
संविदा आउटसोर्स वाहन चालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश कोठारी का कहना है कि इस माह सरकारी विभागों में वाहन चालकों के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था. जिसमें वेबसाइट पर 25 अंकों का प्रश्न पत्र था, लेकिन जब युवा परीक्षा देने पहुंचे, तो उन्हें 50 अंक का प्रश्न पत्र थमा दिया गया. इसके साथ ही सरकारी विभागों में चालकों के लिए व्यवसायिक लाइसेंस की वैधता समाप्त कर दी गई है, जो न्याय संगत नहीं है.
इसके अलावा कई विभागों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी वाहन चालकों के रूप में कार्य कर रहे हैं, जो कि नियम के विरुद्ध है. वाहन चालकों ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर अमल नहीं होता है, तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा.