देहरादून: जनक्रांति विकास मोर्चा ने सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी और सरकारी अस्पतालों में नर्सिग स्टॉफ की स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. ऐसे मौके पर नर्सिंग के छात्र-छात्राओं ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 10 सालों से उनकी स्थाई नियुक्तियां नहीं की गई है. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उन्हें जल्द ही नियुक्ति नहीं दी गई तो वे कार्यबहिष्कार करेंगे.
नर्सिंग के छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन बता दें कि नर्सिंग कोर्स कर चुके बेरोजगार छात्रों की मानें तो सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं का अत्यधिक महत्व है, लेकिन नर्सिग स्टाफ की कमी के चलते प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं. जबकि, हर साल लाखों रुपए खर्च कर नर्सिंग का कोर्स करने के बाद भी छात्रों को भटकना पड़ रहा है.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सीएम के पास होने के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है और नर्सिंग के छात्र बेरोजगार. उनका कहना है कि सीएम ने कई बार नर्सिंग स्टाफ की स्थाई नियुक्तियों को लेकर घोषणा की है. लेकिन ये घोषणा धरातल पर नहीं उतर पाई हैं.
वहीं, इस मामले में नर्सिंग प्रकोष्ठ अध्यक्ष चन्द्र भट्ट का कहना है कि पिछले 10 सालों से उनकी नियुक्तियां स्थाई नहीं हुई है. जबकि, हर साल नर्सिंग के नये कॉलेज खुल रहे हैं. जिनमें हज़ारों की संख्या में छात्र कोर्स करके भटक रहे हैं. ऐसे में कुछ छात्र प्राइवेट अस्पतालों में कम वेतन पर काम करने को मजबूर हैं.
भट्ट ने कहा कि इस मसले पर शासन से कई बार गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन हर बार मामला सिफर ही रहा. उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बार सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है, तो वह अस्पतालों में कार्य बहिष्कार करेंगे जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की होगी.