देहरादून: राष्ट्रीय पर्यटन दिवस देश के इतिहास का एक गौरवशाली दिवस है. यही वजह है कि 26 जनवरी गणतंत्रा दिवस से एक दिन पहले 25 जनवरी को भारतीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है, जिसका मकसद पर्यटन के महत्त्व और भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्यटन की भूमिका के प्रति जागरूक करना है. हालांकि, देशभर में कई खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जहा देश-विदेश से आने वाले सैलानियों का तांता लगा रहता है.
वहीं, अगर उत्तराखंड की बात करें यहां कई खूबसूरत जगह है, जहां हर साल लाखों की संख्या में सैलानी पहुंचते है. लेकिन ये वे पुराने पर्यटक स्थल है, जो उत्तराखंड बनने के पहले से चलते आ रहे हैं. उत्तराखंड को बने हुए 19 साल से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक प्रदेश के भीतर कोई भी नया पर्यटक स्थल विकसित नहीं हो पाया है.
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साल 2017 में सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी सरकार ने प्रदेश के भीतर कई नए पर्यटक स्थल विकसित करने की बात कही थी, लेकिन नए पर्यटक स्थलों को विकसित करना तो दूर सरकार वर्तमान पर्यटक स्थलों को व्यवस्थित तक नहीं कर पा रही हैं. ऐसे में कैसे राज्य सरकार का उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश बनाने का सपना सकार होगा ये एक बड़ा सवाल है?
यूं तो उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इन 19 सालों में प्रदेश की शांत और खूबसूरत वादियों में घूमने आने वाले सैलानियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. राज्य गठन के बाद जहां हर साल करीब एक करोड़ सैलानी उत्तराखंड घूमने आते थे तो वहीं, अब ये आंकड़ा 3 करोड़ 75 लाख के पार पहुंच गया है, जो कि राज्य गठन के बाद से साढ़े तीन गुना अधिक है. हालांकि, सैलानी यहां सिर्फ कांवड़ और कुम्भ मेले के लिए नहीं आते बल्कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर जाते हैं. पर्यटकों को उत्तराखंड में बेहतर सुविधा मिल सके ये सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
सीजन में पैक हो जाते है टूरिस्ट प्लेस
प्रदेश में अमूमन देखने को मिलता है कि पीक सीजन पर जब पर्यटक उत्तराखंड घूमने आते हैं तो प्रदेश के सभी मुख्य पर्यटन स्थल फुल हो जाते हैं. कई बार तो पुलिस और प्रशासन को पर्यटकों को वापस तक भेजना पड़ता है. यहीं नहीं प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थलों की बात करें तो हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, चकराता, नैनीताल, पौड़ी और टिहरी आदि है. टूरिस्ट सीजन में इन सभी पर्यटक स्थलों पर घूमने आने वाले सैलानियों को जाम से लेकर तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, राज्य सरकार दावे तो जरूर कर रही है कि नए पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है. बावजूद इसके अभी तक प्रदेश में अन्य पर्यटन स्थल विकसित नहीं कर पाए हैं.