देहरादून: पूरे देश में आई फ्लू (Eye Flu) के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसी क्रम में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की ओपीडी में रोजाना 50 से अधिक मरीज आई फ्लू जैसे लक्षणों की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं. नेत्र चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा के मुताबिक अस्पताल की ओपीडी में आई फ्लू के मरीजों का आना जारी है. इसे आम भाषा में लाल आंख कहा जाता है. उन्होंने बताया कि यह एक तरह का वायरल इंफेक्शन होता है और विशेषकर बारिश के मौसम में वातावरण में नमी के कारण फैलता है.
सावधानी और जागरूकता अपना कर आई फ्लू से बचें:एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा ने कहा कि जागरूकता अपना कर आई फ्लू बीमारी से बचा जा सकता है. एक दूसरे से हाथ ना मिलाएं, क्योंकि आई फ्लू का ट्रांसमिशन कांटेक्ट के जरिए होता है, जबकि एयर बोर्न ट्रांसमिशन कम होता है. वहीं, अगर कोई व्यक्ति ऑफिस से घर आया है या फिर स्कूल से बच्चे घर आए हैं, तो फिर साबुन से हाथ धोने की आदत डाल लें, तभी कोई दूसरा काम करें. क्योंकि यदि बाहर से हाथ में वायरस आया है तो वह साबुन के झाग से निष्क्रिय हो जाता है.
राजधानी में डेंगू की तरह पैर पसार रहा आई फ्लू:जिस व्यक्ति को नंबर का चश्मा लगा है, ऐसे व्यक्ति को चश्मा पहनने से पहले और चश्मा उतारने के बाद हाथ धोने का नियम अपनाना चाहिए. अगर चेहरे पर हाथ लगाना आवश्यक हो गया है, तो ऐसी स्थिति में सैनिटाइजर या फिर साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें. उसके बाद ही चेहरे को टच करें. बता दें कि राजधानी में डेंगू की तरह आई फ्लू भी पैर पसार रहा है. इसका संक्रमण तेजी से फैल रहा है. आलम ये है कि एक व्यक्ति को अगर आई फ्लू हो रहा है, तो पूरा परिवार इसकी चपेट में आ रहा है. ऐसे में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.