देहरादूनः राजधानी देहरादून में धीरे-धीरे सिटी बसों की संख्या घटती जा रही है. एक दौर था, जब सड़कों में सिटी बसों का रेला होता था. आज दून में विक्रम और ई रिक्शा का कब्जा हो चुका है. पहले करीब 319 सिटी बसें चलती थी. आज घटकर केवल 160 रह गई हैं. सिटी बस संचालकों की मानें तो बसों का संचालन करना दिनोंदिन महंगा होता जा रहा है. तेल के बढ़ते दामों, डग्गामारी और स्पेयर्स पार्ट्स के महंगा होने से संचालक बसों का संचालन बंद कर रहे हैं.
महानगर सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद विक्रमों की फुटकर सवारियों पर प्रशासन कोई रोक नहीं लगा रहा है. साथ ही शहर में 5 हजार से ज्यादा ई रिक्शा चलने से सिटी बसों में सवारियां नहीं पहुंच रही हैं. उन्होंने बताया कि साल 2009 में नालापानी-सीमाद्वार में 45 बसें संचालित होती थी. धीरे-धीरे टेंपो विक्रम के नियमों के विपरित अवैध संचालन से 2018-2019 तक 25 बसें ही रह गई.
ये भी पढ़ेंःगजब! सिटी बस में उग गए पेड़, पुलिस लाइन में की गई थी सीज
वर्तमान में नालापानी-सीमाद्वार का रूट समाप्त हो गया है. सभी लोगों ने अपनी गाड़ियों के परमिट सरेंडर कर दिए हैं. 3-4 गाड़ी मालिकों ने अपने परमिट सरेंडर नहीं किए हैं, लेकिन बसों का संचालन (Dehradun city bus) भी नहीं कर रहे हैं. अब वाहन मालिक की ओर से अपनी बस सरेंडर कर शुरुआत हो गई है. इस तरह से पूरा रूट ही ई रिक्शा, टेंपो विक्रम के अवैध संचालन से समाप्त हो गया है.