पहाड़ के युवाओं में बढ़ रहा बॉडी बिल्डिंग का क्रेज देहरादून: पूरे देश में बॉडी बिल्डिंग की NPC सीरीज चल रही है. जिसके तहत सभी प्रदेशों में स्टेट चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है. इन चैंपियनशिप में जो बॉडी बिल्डर बेहतर प्रदर्शन करेगा वह पंचकूला में होने वाले नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेगा. इसी कड़ी में देहरादून में उत्तराखंड चैंपियनशिप हुई. जिसमें राज्य के सभी जिलों से आए बॉडी बिल्डर्स युवाओं ने भाग लिया और अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाया. चैंपियनशिप आयोजित करने में उत्तराखंड फिजिकल एलाइंस ने अहम भूमिका निभाई है.
सभी जिलों से आए बॉडी बिल्डर्स ने लिया हिस्सा:उत्तराखंड फिजिकल एलाइंस के मैनेजर अर्जुन गुलाटी ने बताया दूसरी बार देहरादून में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. पिछली बार से ज्यादा इस बार इस प्रतियोगिता में युवाओं ने भाग लिया है. उन्होंने बताया कि स्टेट चैंपियनशिप जीतने के बाद जो भी बॉडी बिल्डर सिलेक्ट होते हैं. वह नेशनल चैंपियनशिप में उत्तराखंड के लिए प्रतिभाग करेंगे. उत्तराखंड फिजिकल एलाइंस द्वारा पहाड़ के युवाओं को इस तरह की प्रतियोगिताओं से जोड़ा जा रहा है और काफी रुझान पहाड़ के युवाओं का बॉडी बिल्डिंग के प्रति देखने को मिल रहा है.
कोविड के बाद बॉडीबिल्डिंग के प्रति बढ़ा युवाओं का रुझान:एनपीए वर्ल्ड वाइल्ड आर्गेनाइजेशन के भारतीय अध्यक्ष और इंडियन फिजिकल एसोसिएशन के चेयरमैन हेमंत अंग्रीश ने बताया कि कोविड-19 के बाद लोगों का बॉडी बिल्डिंग के प्रति काफी रुझान बढ़ा है. केवल इस तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लेना और एक प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर होना ही बॉडी बिल्डिंग नहीं है, बल्कि हर एक वह व्यक्ति जो अपने शरीर को लेकर संवेदनशील है. वह सभी बॉडी बिल्डिंग में आते हैं. उन्होंने कहा कि हर प्रदेश में स्टेट चैंपियनशिप चल रही है. इसके बाद पंचकूला में इसकी नेशनल चैंपियनशिप करवाई जाएगी.
रिकॉग्नाइजेशन न मिलने से बिल्डर हो जाते हैं गुमनाम:देश भर में बॉडी बिल्डिंग को लेकर युवाओं का भले ही रुझान देखने को मिल रहा है, लेकिन अभी भी बॉडी बिल्डिंग को राज्य स्तरीय या फिर राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले गेम्स में खेल विभाग द्वारा रिकॉग्नाइजेशन नहीं दिया जाता है. हाल ही में उत्तराखंड की पहली महिला बॉडी बिल्डर के रूप में प्रतिभा थपलियाल ने खूब लोकप्रियता कमाई थी. साथ ही चमोली से आने वाले सतीश भंडारी, स्ट्रांग मैन इंडिया का खिताब जीतने वाले अर्जुन गुलाटी जैसे कई ख्याति प्राप्त बॉडी बिल्डर पहलवान उत्तराखंड से आते हैं, लेकिन खेल विभाग से रिकॉग्नाइजेशन ना मिलने की वजह से ना तो इन खिलाड़ियों को पहचान मिल पाती है और ना ही इस फील्ड में आने वाले अन्य युवाओं को किसी तरह का सपोर्ट या फिर सरकारी मदद मिल पाती है. NPC के इंडिया हेड हेमंत आंग्रीश का कहना है कि बॉडी बिल्डिंग को लेकर अब तक किसी ने ठीक तरह से सरकारों के सामने बात नहीं रखी है, लेकिन उनका संगठन लगातार इस पर काम कर रहा है. उन्होंने बताया उम्मीद है जल्द ही बॉडी बिल्डिंग को केंद्र और राज्य सरकारें एक रिकॉग्नाइज खेलों का दर्जा देगी.
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