देहरादून:सेवानिवृत्ति के बाद दोबारा सरकारी विभाग में पुनर्नियुक्ति पाना अब टेढ़ी खीर से कम नहीं होगा. प्रदेश के मुख्य सचिव के सितंबर 8, 2020 के आदेश के बाद अब कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने शर्तें बढ़ा दी हैं. जिस विभाग में अब पुनर्नियुक्ति के लिए आवेदन किया जाएगा उस विभाग के विभागाध्यक्ष को यह प्रमाण पत्र देना होगा कि उसके पास अन्य कोई योग्य व्यक्ति नहीं है, और बिना उस (पुनर्नियुक्ति के आवेदनकर्ता) व्यक्ति के कार्य का संचालन करना कठिन होगा.
जुगाड़ू कर्मचारी राजनीतिक आकाओं का पाते थे आशीर्वाद
लगातार विभागों में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने भर्ती की प्रक्रिया को अब और शत-शत बनाते हुए कुछ नियमों में कुछ संशोधन किए गए हैं. मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए. ऐसा देखने में आया है कि जुगाड़ू सरकारी कर्मचारी अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करके दोबारा से सरकारी पद पर आसीन हो जाते थे. इससे उसकी हनक विभाग में बरकरार रहती थी और वे अपने विभाग के प्रति जवाबदेही न रखते हुए अपने आका के प्रति ज्यादा जवाबदेह रहते थे. इससे विभाग के दिन-प्रतिदिन के कार्य में व्यवधान पड़ता था.
कई पीसीएस अधिकारी भी ले रहे थे पुनर्नियुक्ति का लाभ
नियमानुसार यह आवश्यक है कि पुनर्नियुक्ति की फाइल पहले प्रशासनिक विभाग और सतर्कता विभाग के अनुमोदन पश्चात ही आगे प्रेषित की जाती थी. परंतु राजनीतिक संरक्षण प्राप्त व्यक्ति अपने आकाओं के माध्यम से सीधे मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर विभाग को सौंपते थे. तत्पश्चात विभागाध्यक्ष के पास स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता था. कई पीसीएस अधिकारी भी इस सेवा का लाभ ले रहे थे. अब देखना होगा कि क्या इस शासनादेश का असर सभी पर पड़ेगा या केवल अराजपत्रित कर्मचारियों तक ही सीमित होगा.