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ऋषिकेश: AIIMS में नई मशीनें आने से कोरोना की जांच के लिए नहीं करना होगा लंबा इंतजार

AIIMS ऋषिकेश में ऑटोमेटेड आरएनए एक्ट्रैक्शन मशीन इंस्टॉल हो चुकी है. इस मशीन के आने से जहां प्रयोगशाला में कार्य करने वाले तकनीशियनों में संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा. वहीं इस मशीन से प्रतिदिन कोविड सैंपल की लगभग दो से ढाई गुना जांच संभव हो सकेगी.

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AIIMS ऋषिकेश में ऑटोमेटेड आरएनए एक्ट्रैक्शन मशीन.

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Published : Jun 13, 2020, 9:24 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में अब मरीजों के काविड-19 सैंपल की जांच में तेजी आ सकेगी. साथ ही मरीजों को अपनी रिपोर्ट के लिए लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी होगी. इसके लिए संस्थान में नई ऑटोमेटेड आरएनए एक्ट्रेक्शन मशीन इंस्टॉल हो चुकी है. इस मशीन के आने से जहां प्रयोगशाला में कार्य करने वाले तकनीशियनों में संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा. वहीं इस मशीन से प्रतिदिन कोविड सैंपल की लगभग दो से ढाई गुना जांच संभव हो सकेगी.

गौरतलब है कि कोविड- 19 के विश्वव्यापी प्रकोप के चलते लोगों में इस बीमारी को लेकर काफी भय बना हुआ है. संस्थान के निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि एम्स संस्थान में हर रोज कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी में 200 से अधिक मरीज आ रहे हैं. जिनमें से कइयों की सैंपल ​टेस्टिंग होती हैं, जबकि दूसरे जनपदों से भी प्रतिदिन मरीजों के सैकड़ों सैंपल परीक्षण एवं रिपोर्ट के लिए एम्स ऋषिकेश में भेजे जा रहे हैं, जिससे सैंपल जांच की प्रतीक्षा सूची लंबी होती जा रही थी. निदेशक ने बताया कि अब तक एम्स में दो एक्सट्रैक्शन मशीनें थी, जिनमें एक बार में 12 व 16 सैंपल ही लग सकते थे. इससे पहले जहां इन मशीनों के जरिए 100 सैंपल के एक्सट्रैक्शन में 7 से 8 घंटे लगते थे, वहीं इस मशीन से आने से यही 100 सैंपल महज 1 घंटे में एक्सट्रैक्ट हो सकेंगे. क्योंकि इस नई मशीन के स्थापित होने से एक बार में 96 सैंपल एक साथ लग सकेंगे.

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यह मशीन माइक्रो बायोलॉजी प्रयोगशाला में कार्यरत तकनीशियनों के बार-बार सैंपलों को हैंडल करने की जरूरत नहीं होने की वजह से उन्हें संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा. क्योंकि वह कम से कम एक्सपोज होंगे. संस्थान में कोविड सैंपल जांच के प्रभारी डॉ. दीपज्योति कलिता ने बताया कि इससे पहले हर रोज एक दिन में लगभग 200 से 250 कोविड सैंपल की जांच हो पाती थी व उनकी रिपोर्ट जारी की जाती थी, मगर इस नई मशीन के स्थापित होने से जांच का दायरा 400 से 500 सैंपल प्रतिदिन तक बढ़ जाएगा. जिससे अवशेष सैंपल की तेजी से जांच संभव हो सकेगी और आने वाले दिनों में नमूनों की जांच रिपोर्ट के लिए मरीजों को अनावश्यक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

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