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शासन का बड़ा फैसला, स्टोन क्रशर चलाना अब नहीं होगा आसान

प्रदेश सरकार ने स्टोन क्रशर नीति संशोधन के बाद नई नीतियां जारी कर दी हैं. जिसके अनुसार अब प्रदेश में स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट, मोबाइल स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट, हॉट मिक्स प्लांट और रेडीमिक्स प्लांट के लाइसेंस की फीस पहले के मुकाबले बढ़ाकर दोगुना कर दी गई है.

Mandate Issued on Stone Crushe
शासनादेश.

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Published : Jan 5, 2020, 6:29 PM IST

Updated : Jan 5, 2020, 7:43 PM IST

देहरादून:खनन व्यवसाय पर शासन ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत प्रदेश में स्टोन क्रशर नीति संशोधन के बाद नई नीतियां जारी कर दी गई हैं. जिसमें स्टोन क्रशर लाइसेंस फीस महंगी हो गयी है. नई दरों के हिसास से अब 100 टन प्रति घंटे के प्लांट के लिए लाइसेंस फीस 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए और पहाड़ी क्षेत्रों में 5 लाख से 10 लाख रुपए कर दी गई है.

स्टोन क्रशर पर एनजीटी के साथ-साथ तमाम तरह की जद्दोजहद और कई तरह के संसोधन के बाद आखिरकार सरकार ने शासनादेश जारी कर दिया है. अब प्रदेश में स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट, मोबाइल स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट, हॉट मिक्स प्लांट और रेडीमिक्स प्लांट के लाइसेंस की फीस पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई है.

जारी हुआ नया शासनादेश.

वहीं रिन्यू पीरियड को भी 5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है. नई नीति के अनुसार सरकार अब क्रशर का लाइसेंस उसी व्यक्ति को देगी जिसके पास स्वयं का पट्टा या जिसके पक्ष में निगमों या निजी पट्टा धारकों की आपूर्ति के लिए पंजीकृत अनुबंध किया गया होगा.

बता दें कि एनजीटी के निर्देशों के आधार पर मैदानी क्षेत्रों में क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट की नदी से दूरी कम से कम 3 किलोमीटर कर दी गयी है. वहीं पूर्व में स्थापित और संचालित स्टोन क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट जिनका नियमितीकरण नहीं हुआ था, उन्हें 60 दिनों के भीतर क्षमता टन प्रति घंटा के अनुसार जिलाधिकारी, निदेशक खनन और शासन से स्वीकृति करानी होगी.

क्रशर लगाने के नए मानक

नदी के किनारे स्टोन क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट लगाने के लिए कम से कम दूरी 3 किलोमीटर. वहीं धार्मिक स्थल, शिक्षण संस्थान, अस्पताल के अलावा घनी आबादी क्षेत्र से कम से कम 300 मीटर दूरी होनी चाहिए. साथ ही सरकारी वनों से यह दूरी न्युनतम 100 मीटर होनी अनिवार्य है. यही मानक पर्वतीय क्षेत्र में मैदानी इलाकों की तुलना में आधे मान्य होंगे.

यह है लाइसेंस शुल्क

स्टोन क्रशर के लिए पर्वतीय क्षेत्र में 10 लाख 100 टन प्रति घंटा और 1 लाख प्रत्येक 100 अतिरिक्त टन मान्य होगा. जबकि मैदानों में 20 लाख 100 टन प्रति घंटा और 2 लाख प्रति 100 अतिरिक्त टन के लिए मान्य होगा.

स्क्रीनिंग प्लांट के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में दो लाख 100 टन प्रति घंटा और 25 हजार प्रत्येक अतिरिक्त प्रति टन घंटा. जबकि मैदानी इलाकों में 4 लाख 100 टन प्रति घंटा और 50 हजार प्रति अतिरिक्त टन घंटे के हिसाब से लिया जाएगा.

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मोबाइल क्रशर या प्लांट के लिए 25 हजार रुपये 10 टन प्रति घंटा क्षमता या उससे कम के लिए मान्य होगा. वहीं 50 हजार रुपये 10 टन प्रति घंटा से अधिक और 25 टन प्रति घंटा से कम के लिए लिया जाएगा. 1 लाख रुपये 25 से 50 टन प्रति घंटा और 2 लाख रुपये 50 टन प्रति घंटा से अधिक के लिए लिया जाएगा.

हॉट मिक्स रेडिमिक्स की लाइसेंस फीस 25 हजार रुपए होगी.

Last Updated : Jan 5, 2020, 7:43 PM IST

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