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बाबा बर्फानी अस्पताल ने पहले छिपाई 65 मौतों की जानकारी, अब नोडल अधिकारी बोले- कोरोना मरीज आएंगे तो मरेंगे ही - आपदा महामारी एक्ट में एक्शन

65 कोरोना मरीजों की मौत के मामले को छिपाने के आरोप में हरिद्वार के बाबा बर्फानी अस्पताल को नोटिस भेजा गया है. हरिद्वार के सीएमओ एसके झा से भी जवाब मांगा गया है. स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने कहा कि जांच के बाद सख्त कार्रवाई होगी.

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बाबा बर्फानी अस्पताल

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Published : May 15, 2021, 12:39 PM IST

Updated : May 15, 2021, 1:00 PM IST

देहरादून:एक ओर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर हड़कंप मचा है, दूसरी ओर कुछ अफसर मौत के आंकड़े छिपाकर बाजीगरी कर रहे हैं. हरिद्वार के एक बाबा बर्फानी अस्पताल में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. इस मामले में सीएमओ हरिद्वार और बाबा बर्फानी अस्पताल के सीएमएस को नोटिस जारी किया गया है.

65 मौतों की जानकारी छिपाने का आरोप

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण से अब तक 4,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्थितियों की मॉनिटरिंग करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं. हालत यह है कि इसके बाद भी अस्पताल मौत के आंकड़ों को छुपा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला हरिद्वार में सामने आया है. यहां पर बाबा बर्फानी नाम के निजी हॉस्पिटल ने 65 लोगों की मौत के मामले में जानकारियां छुपाई हैं.

बाबा बर्फानी अस्पताल को भेजा गया नोटिस

ऐसा हम नहीं बल्कि खुद स्वास्थ्य विभाग मान रहा है. इसको लेकर हरिद्वार जिले के सीएमओ और बाबा बर्फानी अस्पताल के सीएमएस को नोटिस जारी कर दिया गया है. आपको बता दें कि राज्य कोविड कंट्रोल रूम में 24 घंटों के भीतर जानकारी देनी होती है. बाबा बर्फानी हॉस्पिटल में 25 अप्रैल से 12 मई तक उपचार के दौरान 65 कोरोना के मरीजों की मौत हुई थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी नहीं दी.

आपदा महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी

इस मामले में कंट्रोल रूम के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉक्टर अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि लगातार अस्पताल प्रबंधन को जानकारियां अपडेट कर देने के लिए कहा जा रहा था. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कर्मचारियों की कमी और दूसरे बहाने बताकर जानकारियां नहीं दी जा रही थीं. इसके बाद जब कंट्रोल रूम की तरफ से सख्ती की गई, तब जाकर अस्पताल में 65 मरीजों की मौत की जानकारी बताई. ये जानकारी 14 मई को सामने आई सकी. उधर, इस मामले पर हरिद्वार के सीएमओ एसके झा और अस्पताल के सीएमएस को नोटिस जारी कर दिया गया है. साथ ही सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर आपदा महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है.

अस्पताल का आरोप- जटिल है फॉर्मेट
इस मामले पर जब बाबा बर्फानी हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी केके सिंह से बात की गई, तो उन्होंने साफ कहा कि अस्पताल को लेकर सनसनी फैलाई जा रही है जबकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बेहद जटिल फॉर्मेट में जानकारियां मांगी जा रही हैं. जबकि उनकी तरफ से सीएमओ को सभी जानकारियां हर दिन दी जा रही हैं. साथ ही स्वास्थ विभाग के हर अधिकारी को इसको लेकर अवगत कराया जा रहा है. इसके बावजूद गलत जानकारी के साथ सनसनी अस्पताल के नाम पर फैलाई जा रही है.

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मरीज अस्पताल आएंगे तो मरेंगे ही- केके सिंह, नोडल अधिकारी, बाबा बर्फानी

अस्पताल के नोडल अधिकारी केके सिंह ये कहने से भी नहीं चूकते कि कोरोना के मरीज अस्पताल में आएंगे तो मरेंगे ही. हैरानी की बात यह है कि नोडल अधिकारी इसमें पूरा ठीकरा स्वास्थ्य विभाग पर ही फोड़ने में लगे हैं. उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने एक दिन पहले ही किस फॉर्मेट में जानकारियां भेजनी हैं, यह बताया और उसके बाद जानकारियां दी गई हैं. इसके बावजूद अस्पताल को लेकर सनसनी फैलाई जा रही है.

स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने ये कहा...

हरिद्वार में बाबा बर्फानी अस्पताल में मौत के मामले छिपाने पर स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा ने ETV Bharat से बात करते हुए कहा कि इस मामले में उनकी तरफ से जांच बैठाई की जा रही है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई भी की जाएगी. जांच में सीएमओ की भूमिका और अस्पताल प्रबंधन की स्थिति की जांच होगी.

Last Updated : May 15, 2021, 1:00 PM IST

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