ऋषिकेश: तीर्थनगरी में ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त गांव को लेकर परत दर परत पोल खुलती जा रही है. ग्राम सभा गढ़ी मयचक के बाद ग्राम सभा चकजोगीवाला में ओडीएफ का ताजा मामला सामने आया है, यहां भी कई परिवार ऐसे हैं, जिनके पास शौचालय ही नहीं हैं. जबकि, उनको गांव मे रहते हुए 25 से 30 साल हो चुके हैं. एक के बाद एक गांव में ओडीएफ को लेकर जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वो बेहद ही चौंकाने वाले हैं. साथ ही गांव को ओडीएफ घोषित करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सवाल उठने लगे हैं.
बिना शौचालय का ओडीएफ गांव कुछ दिन पहले ग्राम सभा गढ़ी मयचक में ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त गांव को लेकर सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आई. गढ़ी मयचक के मामले की जांच की बात करने वाले अधिकारियों ने अभी जांच शुरू भी नहीं की थी कि डोईवाला ब्लॉक के ऋषिकेश तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्रामसभा चकजोगीवाला में भी एक मामला सामने आया है.
पंचायत सदस्य मिथुन कश्यप ने बताया कि उनके वार्ड के कई घरों में शौचालय नहीं बने हैं. खास बात ये है कि जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जो लोग छूट गए है, उनका शौचालय पुराना या टूट गया होगा. या फिर ये भी हो सकता है कि लोग योजना के बाद उस गांव में बसे हो. वहीं, प्रभावित परिवारों का कहना है कि वो करीब 30 सालों से गांव में रह रहे हैं.
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लोक योजना अभियान के तहत चकजोगीवाला को भी ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. इस गांव में भी योजना के तहत फार्म भी भरे गए, लेकिन शौचालय नहीं बने. खास बात ये है कि यहां कुछ लोगों के घरों में आधे-अधूरे शौचालय बने तो हैं लेकिन ये कार्य भी लोगों ने अपना धन खर्च करने के बाद कराया है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार के स्वच्छता अभियान और ओडीएफ ग्राम घोषित किए जाने का आखिर कौन जिम्मेदार है?