देहरादून: नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा डेंगू के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का असर देखने को मिल रहा है. यह पहली बार है जब जनपद में डेंगू का एक भी मामला सामने नहीं आया है. जिसे नगर निगम अपनी बड़ी उपलब्धि मान रहा है.
कोरोना काल में निगम की प्रयासों की वजह से राजधानी देहरादून में डेंगू का एक भी केस सामने नहीं आया है. वहीं, नगर आयुक्त का कहना है की हम लगातार सतर्कता बरत रहे हैं, ताकि यह शून्य का आकड़ा बरकरार रहे. बता दें कि पिछले साल देहरादून में डेंगू ने कहर बरपाया था. इसी को देखते हुए इस बार नगर निगम का दावा है की वो पूरी तरह से डेंगू से निपटने के लिए तैयार है.
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इस बार पूरे शहर में घर-घर जाकर डेंगू की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया गया. हालांकि, नगर निगम का दावा है कि इस बार शहर भर में पहले से ही फॉगिंग शुरू की गई है. साथ ही घर-घर जाकर ये भी देखा गया की कहीं पानी इकट्ठा तो नहीं हो रहा है. इसके साथ ही किसी भी घर में अगर पानी जमा हुआ, जहां पर डेंगू का मच्छर पनप सकता है. नगर निगम ऐसे घरों के मालिकों पर 5 सौ से 5 हजार तक चालान काटने की कार्रवाई कर रहा है. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी एक की चूक से पूरे शहर को डेंगू का प्रकोप न झेलना पड़े.
नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया की यह हम लोगों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. इसमें दून वासियों का सबसे बड़ा सहयोग है. हम लोगों ने मार्च से डेंगू के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया. अपनी टीम हर वार्डों में भेजी, साथ ही लोगों का चालान भी काटा. अन्य वर्षों की तुलना में इस बार डेंगू न के बराबर रहा है. पहला ऐसा साल है कि डेंगू का अभी तक एक भी केस नही आया है. हम लगातार अपनी मशीनरी के साथ लगे हुए है. हालांकि, 15 अक्टूबर के बाद डेंगू के केस नही आते हैं. फिर भी हमे सतर्कता बरतनी है. ताकि शून्य का आंकड़ा बरकरार रहे.