देहरादून:राज्य में लॉकडाउन के कारण एक ओर जहां आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर देहरादून की निरंजनपुर मंडी में भी आढ़तियों के सामने मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा है. बाहरी राज्यों से आने वाली सब्जियां लगातार मंडी में तो आ रही हैं, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण मंडी में सब्जियों की खपत 40 प्रतिशत तक कम हो गई है.
सब्जी फेंकने को मजबूर आढ़ती वहीं लॉकडाउन के कारण मंडी में आने वाली सब्जियों को आढ़ती सड़कों पर फेंक रहे है या सब्जियां सड़ रही हैं. कई आढ़ती बची हुई सब्जियों को गरीबो में बांटने का काम कर रहे है. हालांकि सरकार आढ़तियों के लिए तीन महीने का मंडी शुल्क माफ करने पर विचार कर रही है. अगर मंडी शुल्क माफ हो जाता है तो आढ़तियों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है.
बाहरी राज्यों से किसान बड़ी उम्मीद से देहरादून निरंजनपुर मंडी में सब्जियां बेचने के लिए आ रहे हैं, लेकिन यहां उनको सब्ज़ियों का सही दाम नहीं मिल रहा है. ऐसा लॉकडाउन के कारण हो रहा है. क्योंकि लॉकडाउन के कारण शहर के आसपास की सभी होटल और होस्टल बंद होने से मंडी पर काफी असर पड़ रहा है.
देहरादून की बात करें तो यह शहर शिक्षा का हब है साथ ही एक टूरिस्ट स्पॉट भी है. शिक्षा हब होने से शहर में करीब 5 लाख विद्यार्थी हॉस्टल में रहते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण सभी छात्र अपने घर चले गए और सभी हॉस्टल बंद हो गए हैं. जिससे मंडी के कारोबार में करीब 25 प्रतिशत का असर पड़ा है. वही शहर के होटल बंद होने से मंडी पर 15 प्रतिशत का असर पड़ रहा है. वहीं मसूरी, टिहरी और चकराता का होटल बंद होने के कारण भी मंडियों पर काफी असर हुआ है.
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लॉकडाउन में जिला प्रशासन ने आम जनता को सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक समय दिया है. जबकि निरंजनपुर मंडी का समय रात 2 बजे से सुबह 7 बजे तक किया हुआ है. जिस वजह से जनता सब्जियां खरीदने नहीं जा रही है.
निरंजनपुर मंडी आढ़ती अध्यक्ष जितेंद्र आनन्द ने बताया कि लॉकडाउन के शुरुआत में काफी समस्या आई थी. मंडी की स्थिति स्पष्ट नहीं थी और माल आने में भी काफी दिक्कतें आ रही थीं, लेकिन इन सभी समस्याओं से धीरे-धीरे हम बाहर निकल आए हैं. अब मंडी में फल और सब्जियों की आवाक सामान्य हो गई है. बिक्री में 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत गिरावट आई है और किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. वर्तमान में फसल तैयार है और किसानों को मंडी में लाना मजबूरी है. किसान सब्जियों को ज्यादा दिन तक खेतों में नहीं रख सकता और शहरों में आम जनजीवन सामान्य नहीं होने के कारण फल सब्जी की बिक्री सामान्य नहीं हो रही है.