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उत्तराखंड एनआईओएस डीएलएड टीईटी शिक्षक महासंघ का सचिवालय कूच, नियुक्ति की मांग - नियुक्ति की मांग

नियुक्ति की मांग को लेकर आज एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षकों (NIOS DElEd TET Teachers) ने सचिवालय कूच किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि न्यायपालिका के आदेशों का शीघ्र पालन किया जाए. 14 सितंबर को हाईकोर्ट नैनीताल ने उन्हें प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल किए जाने का आदेश जारी किया था.

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Published : Oct 18, 2022, 8:10 PM IST

देहरादून:मंगलवार को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) डीएलएड प्रशिक्षित शिक्षकों (NIOS DElEd TET Teachers) ने सचिवालय कूच किया. इससे पहले प्रदर्शनकारी गांधी पार्क के बाहर एकत्रित हुए उसके बाद पैदल मार्च निकालते हुए सचिवालय की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे.

वहीं, प्रदर्शन में शामिल शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नंदन वोहरा का कहना है कि उन्हें भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल किए जाने का विगत 14 सितंबर को हाईकोर्ट नैनीताल ने आदेश जारी कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि एनआईओएस डीएलएड योग्यता धारियों को भी प्राथमिक गतिमान शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एक माह से भी ज्यादा का समय हो चुका है. लेकिन अभी तक उसका शासनादेश जारी नहीं किया गया है. ऐसे में सरकार की उदासीनता के कारण आज उन्हें सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है.

उत्तराखंड एनआईओएस डीएलएड टीईटी शिक्षक महासंघ का सचिवालय कूच.

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बता दें कि विभाग ने इन एनआईओएस डीएलएड उपाधि धारकों को 15 जनवरी 2020 को शासनादेश निर्गत करते हुए गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती में सम्मिलित करने के आदेश जारी किए थे. जिसे पुनः विभाग ने ही 10 फरवरी को निरस्त कर दिया. जिससे यह लोग कोर्ट की शरण में गए और गतिमान 2648 पदों की भर्ती पर रोक लगा दी गई.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशिक्षित बेरोजगार जब भी शिक्षा मंत्री से मिलने उनके आवास पर जाते हैं तो उनके लिए गेट बंद करवा दिया जाता है. अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि न्यायपालिका के आदेशों का शीघ्र पालन किया जाए, ताकि नियुक्ति की मांग को लेकर हमें आंदोलन का सहारा ना लेना पड़े.

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