देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित नारी निकेतन यौन शोषण मामले में अपर जिला जज धर्म सिंह की कोर्ट ने सोमवार को दोषियों को सजा सुनाई. कोर्ट ने मुख्य आरोपी गुरदास को 7 साल की सजा सुनाई है व दस हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है.
इसके अलावा इस मामले में दोषी पाए गए अन्य 8 लोगों में से दो (हाशिम और ललित बिष्ट) को 5-5 साल की कैद और दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं किरण नौटियाल, चंद्रकला, अनीता मैंदोला और शमा निगार को 4 साल की सजा व दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया. जबकि तत्कालीन अध्यक्ष मीनाक्षी पोखरियाल और कृष्ण कांत को भी दोषी मानते हुए 2-2 साल की सजा सुनाई गई है व 5 हजार रुपए दंड लगाया है.
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क्या है मामला
बता दें कि साल 2015 में देहरादून के नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था. शुरू में इस मामले की जांच नेहरू कॉलोनी थाने पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काली मुख्यमंत्री के आदेश पर तत्कालीन एसपी सिटी अजय सिंह के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया.
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एसआईटी ने इस दौरान कई लोगों से पूछताछ की और संबंधित लोगों को हिरासत में भी लिया था. एसआईटी की जांच में सामने आया था कि नारी निकेतन में न केवल मूकबधिर के साथ दुराचार किया था, बल्कि उन संवासिनियों का गर्भपात कराने के अलावा भ्रूण को ठिकाने लगाने जैसी वरादात को भी अंजाम दिया गया था. कोर्ट ने इस मामले में बीती 30 अगस्त को मुख्य आरोपी समेत 9 लोगों को दोषी माना था. जिन्हें सोमवार (2 सितंबर) को सजा सुनाई गई.