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शहर के 'विकास' में दफन हुए हाइड्रेंट, आग लगी तो फायर ब्रिगेड के भरोसे नहीं रहना

बता दें कि गर्मियों का सीजन आते ही आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में पानी खत्म होने पर हाइड्रेंट का प्रयोग किया जाता है. जिसके लिए अग्निशमन विभाग ने शहर में 70 हाइड्रेंट लगाए थे. लेकिन आज हालत ये हैं कि 70 हाइड्रेंट में से सिर्फ दो ही काम कर रहे हैं.

देहरादून

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Published : Apr 3, 2019, 10:31 PM IST

Updated : Apr 3, 2019, 10:57 PM IST

देहरादून: गर्मी अपने चरम पर है और 15 मार्च से प्रदेश में फायर सीजन शुरू हो चुका है. इस दौरान अग्निशमन विभाग की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि देहरादून शहर में आग की घटनाओं से निपटने के लिए बनाए गए हाइड्रेंट गायब हो गए हैं. फायर सर्विस विभाग को यह हाइड्रेंट ढूंढने से भी नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में यदि कहीं आग की घटना होती है तो फायर ब्रिगेड के भरोसे नहीं रहा जा सकता.

मुख्य अग्निशमन अधिकारी संदीप राणा

बता दें कि गर्मियों का सीजन आते ही आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में पानी खत्म होने पर हाइड्रेंट का प्रयोग किया जाता है. जिसके लिए अग्निशमन विभाग ने शहर में 70 हाइड्रेंट लगाए थे. लेकिन आज हालत ये हैं कि 70 हाइड्रेंट में से सिर्फ दो ही काम कर रहे हैं, बाकी 68 हाइड्रेंट खत्म हो चुके हैं. ऐसे में अग्निशमन विभाग के सामने एक बड़ी चुनौतियों खड़ी हो गई है.

मुख्य अग्निशमन अधिकारी संदीप राणा ने बताया कि कुल 70 हाइड्रेंट थे, लेकिन जैसे-जैसे सड़कों का निर्माण होता गया, हाइड्रेंट उसमें दबते चले गए. उन्होंने बताया कि जल संस्थान के साथ मिलकर अग्निशमन विभाग ने सर्व भी किया था. लेकिन कर्मचारी या तो रिटायर हो गए या ट्रांसफर हो गया. संदीप राण ने कहा कि अब नई योजना पर हाइड्रेंट स्थापित किये जायेंगे.

Last Updated : Apr 3, 2019, 10:57 PM IST

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