देहरादून: नैनीताल-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कैंची धाम लाखों लोगों की आस्था का केन्द्र है. जो बाबा नीम करौली की तपोस्थली रही है. वहीं मोबाइल तकनीक की दुनिया को नए आयाम तक पहुंचाने वाले एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स को इसी धाम से प्रेरणा मिलने के बाद दुनिया में क्रांति आई थी. यही नहीं कैंची धाम के भक्तों में फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग से लेकर देश-विदेश के कई हस्तियां शामिल हैं.
कैंची धाम आने से बदली थी एप्पल फाउंडर की किस्मत, कई सेलिब्रिटी भी हैं बाबा के भक्त
नैनीताल जिले के कैंची धाम मंदिर में 1973 में स्टीव जॉब्स अपने मित्र डैन कोटके के साथ बाबा नीब करौली महाराज के दर्शन करने आए थे. बाबा के 11 सितम्बर 1973 को शरीर त्यागने के कारण स्टीव को दर्शन तो नहीं हो सके, लेकिन कैंची मंदिर में बाबा की मूर्ति और यहां के आधात्म ने उन्हें जरूर प्रेरित किया.
नैनीताल जनपद के कैंची धाम मंदिर में 1973 में स्टीव जॉब्स अपने मित्र डैन कोटके के साथ बाबा नीब करौली महाराज के दर्शन करने आए थे. बाबा के 11 सितम्बर 1973 को शरीर त्यागने के कारण स्टीव को दर्शन तो नहीं हो सके, लेकिन कैंची मंदिर में बाबा की मूर्ति और यहां के आधात्म ने उन्हें जरूर प्रेरित किया. स्टीव ने वापस लौटकर पूरी मेहनत और लगन से फील्ड में काम करना शुरू कर दिया. जिसके बाद उन्हें इससे काफी बड़ी सफलता हासिल हुई. जिसके बाद स्टीव जॉब्स एप्पल के संस्थापक बने और उनका डंका दुनिया में बजने लगा था. बताया तो ये भी जाता है की स्टीव जॉब्स ने अपना मशहूर मोनोग्राम (एक बाइट खाया सेब) को भी यहीं से प्रेरित होकर रखा. स्टीव अमेरिका में अपने किसी मित्र के कहने पर यहां आए थे. मंदिर प्रबंधन के अनुसार स्टीव आध्यात्म की खोज में एक साधारण व्यक्ति के रूप में यहां आए थे. उन्होंने बताया की स्टीव का उत्थान सन 1980 के बाद शुरू हुआ. वहीं हनुमान भक्त बाबा नीम करौली के विचारों से प्रभावित होकर हॉलीवुड अमेरिकी अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स ने भी एक इंटरव्यू में बाबा का नाम लिया था. जूलिया रॉबर्ट्स ने कहा था कि वे हिन्दू धर्म और बाबा नीम करौली महाराज की तस्वीर के साथ विचारों से बहुत प्रभावित हुई हैं. कैंची धाम में हर वर्ष हजारों की संख्या में अमेरिका, फ्रांस, लंदन और अन्य देशों से विदेशी यहां पहुंचते हैं. कैंची धाम में हर वर्ष 15 जून को स्थापना के अवसर पर मेला लगता है, जहां लाखों की संख्या में भक्त बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं. इस मंदिर की महिमा का गुणगान फेसबुक के संस्थापक मार्क मार्क जुकरबर्ग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कर चुके हैं.