देहरादूनःदेश के साथ ही प्रदेश में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में कोरोना संक्रमण के खतरे का असर आगामी त्योहारों पर भी साफ देखा जा रहा है. यहां हम बात कर रहे हैं अब से कुछ ही दिनों में शुरू होने जा रहे नवरात्र, दुर्गा पूजा और दशहरा पर्व की.
बता दें कि भारत में नवरात्र के साथ ही त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाती है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते नवरात्र, दुर्गा पूजा और दशहरा पर्व पर किसी तरह का कोई भव्य आयोजन नहीं किया जा रहा है. हालांकि परंपरा को निभाने के लिए मंदिरों में पूजा-पाठ इत्यादि जरूर की जाएगी. लेकिन इसमें सीमित संख्या में ही लोग जुड़ सकेंगे. गौरतलब है कि आगामी 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र का शुभारम्भ होने जा रहा है. इस बीच 23 अक्टूबर यानी सप्तमी से लेकर 25 अक्टूबर यानी नवमी तक दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाना है. वहीं 26 अक्टूबर को दशमी के दिन दशहरे का पर्व मनाया जाएगा.
राजधानी में नहीं होगा दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन
राजधानी देहरादून में साल 1956 से दुर्गा बाड़ी समिति की ओर से दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन किया जाता रहा है. जिसमें हर साल हजारों की संख्या में लोग मां दुर्गा के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते समिति के सदस्यों ने फैसला लिया है कि परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दुर्गा पूजा का आयोजन तो जरूर किया जाएगा. लेकिन इसमें सीमित संख्या में ही लोग शामिल हो सकेंगे. ईटीवी भारत से बात करते हुए दुर्गा बारी समिति के सदस्य शांतनु मुखर्जी ने बताया कि राजधानी में समिति की ओर से पिछले 65 सालों से दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन किया जा रहा है. लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है, जब दुर्गा पूजा में सीमित संख्या में ही लोग शामिल होंगे. वहीं, अन्य लोगों के लिए पूजा से जुड़े सभी विधियों की लाइव स्ट्रीमिंग सोशल मीडिया पर की जाएगी.
त्योहारों पर कोरोना का साया. मूर्तिकारों पर भी पड़ी कोरोना की मार
दुर्गा पूजा के मौके पर मां दुर्गा की 12 से 15 फीट की मूर्तियां तैयार करने वाले मूर्तिकारों पर भी कोरोना संकट का असर देखा जा रहा है. दुर्गा पूजा के पर्व पर मां दुर्गा की खूबसूरत मूर्तियां तैयार करने वाले मूर्तिकार बताते हैं कि इस बार क्योंकि दुर्गा पूजा पर किसी तरह का कोई भव्य आयोजन नहीं हो रहा है. ऐसे में उनके पास सीमित संख्या में ही मूर्ति तैयार करने के ऑर्डर आए हैं. वहीं, इस बार मूर्तियां भी महज 5 से 7 फीट की बनाई जा रही है.
पढ़ेंःकेदारनाथ के लिए कल से शुरू होगी हेली सेवा, अब तक इतने लोगों ने कराई बुकिंग
नवरात्रि पर मंदिरों में भी नहीं होंगे भव्य कार्यक्रम
हर साल नवरात्र पर मंदिरों में भव्य भंडारे के साथ ही जागरण इत्यादि का आयोजन होता था. लेकिन इस बार कोरोना के खतरे के चलते मंदिरों में भंडारे और जागरण का भव्य आयोजन नहीं किया जा रहा है. देहरादून के जाने-माने कालिका माता मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि हर साल नवरात्र के मौके पर मंदिर में 108 ब्राह्मणों द्वारा पाठ किया जाता था. लेकिन इस बार 13 ब्राह्मण ही पाठ करेंगे. वहीं, दूसरी तरफ नवमी के दिन होने वाले कन्या पूजन में भी इस बार सीमित संख्या में ही कन्याओं को पूजा जाएगा. जहां पिछले साल तक 1000 से ज्यादा कन्याओं को नवमी के दिन भोजन कराया जाता था. वहीं, इस साल सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए महज 200 कन्याओं को भोजन कराया जाएगा.
दशहरे पर परेड ग्राउंड में नहीं होगा रावण दहन
राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में साल 1948 से हर साल बन्नू बिरादरी की ओर से दशहरे के मौके पर रावण दहन कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाता था. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बन्नू बिरादरी ने कार्यक्रम न करने का फैसला लिया है. दरअसल, परेड ग्राउंड में आयोजित होने वाले दशहरा कार्यक्रम में हर साल हजारों की संख्या में लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच यदि दशहरा कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है तो ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा पाना बड़ी चुनौती साबित होगा. ऐसे में इन सभी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बन्नू बिरादरी ने दशहरा पर्व न मनाने का निर्णय ले लिया है.