देहरादून: दून स्कूल में प्रवेश परीक्षा से हिंदी को हटाए जाने और देव भाषा संस्कृत को वैकल्पिक बनाए जाने के विरोध में उत्तराखंड नवनिर्माण सेना के पदाधिकारियों ने दून स्कूल प्रशासन से संवाद कर मांगों को प्रेषित करने का प्रयास किया, लेकिन संवाद के लिए किसी भी स्कूल प्रशासनिक अधिकारी के ना आने पर संगठन के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के गेट पर ज्ञापन को चस्पा कर दिया.
उत्तराखंड नवनिर्माण सेना के संस्थापक सदस्य और प्रदेश महासचिव सुशील कुमार ने कहा कि भाषाओं की समाप्ति के लिए दून स्कूल ने जो कदम उठाए उस संदर्भ में एक ज्ञापन पहले भी सौंपा गया था, लेकिन एक माह पूरा होने के बाद भी दून स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में कोई संवाद स्थापित नहीं किया. आज संगठन पदाधिकारी पुनः संवाद के लिए स्कूल आए तो स्कूल प्रबंधन संवाद स्थापित करने की आवश्यकता नहीं समझी. ऐसे में हमारी जो मांगें थी उसको लेकर स्कूल के गेट पर ज्ञापन चस्पा कर दिया गया है.