देहरादून: प्रकाश के प्रकीर्णन और रमन इफेक्ट की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई भौतिक वैज्ञानिक सीवी रमन आधुनिक भारत के महान वैज्ञानिक माने जाते हैं. रमन इफेक्ट की खोज की स्मृति में हर साल 28 फरवरी का दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है. देहरादून में स्थित देश के सबसे पुराने विज्ञान भवन सर्वे ऑफ इंडिया में साइंटिस्ट अरुण कुमार ने ETV BHARAT से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक विलियम्स लैमटम ने ही भारत में पृथ्वी की गोलाई मापने का काम शुरू किया था.
भारत में वर्ष 1767 में सर्वे ऑफ इंडिया की स्थापना हुई. पहले दिन से ही सर्वे ऑफ इंडिया का काम मैपिंग करना था. पृथ्वी के छोटे-छोटे हिस्से की मैपिंग का काम शुरू हुआ. सर्वे ऑफ इंडिया में तत्कालीन साइंटिस्ट विलियम्स लैमटम ने 1802 में पृथ्वी के आकार मापने का काम 78 डिग्री देशांतर से शुरू किया. जो भारत के कन्याकुमारी, भोपाल, नागपुर, मुंबई और दिल्ली से होते हुए देहरादून के ऊपर से निकल जाता है. हालांकि 1823 में इस कार्य के दौरान विलियम्स जब नागपुर पहुंचे तो बीमारी की वजह से उनकी मौत हो गई थी. ऐसे में पृथ्वी को माप कर संभावनाओं को जानने का काम मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट ने आगे बढ़ाया.