18 वर्षीय पैरा एथलीट आकाश नेगी सम्मानित देहरादून: राष्ट्रीय खेल दिवस देश-दुनिया के खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को सम्मान देने का दिन है. ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं आकाश नेगी. उत्तराखंड के विकासनगर (देहरादून) निवासी 18 वर्षीय आकाश नेगी एक पैरा एथलीट हैं. इस खेल दिवस के मौके पर उन्हें उत्तराखंड खेल विभाग द्वारा सम्मानित किया गया है. आकाश ने इसी साल फरवरी में मध्य प्रदेशकेइंदौर में आयोजित नेशनल पैरा ओलंपिक गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. आकाश नेगी को ये मेडल बैडमिंटन में मिला है.
उत्तराखंड खेल विभाग ने आकाश नेगी को किया सम्मानित राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का किया प्रतिनिधित्व:इस खास मौके पर ईटीवी भारत ने आकाश नेगी से उनके इंस्ट्रक्टर के जरिए से बातचीत की. आकाश ने बताया कि वो आज बेहद खुश हैं. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया है और वहां पर उन्होंने मेडल भी जीता है. आकाश नेगी ने कहा कि यह उनके लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन उनके इंस्ट्रक्टर कोच की मदद से अब कम्युनिकेशन में उनको किसी भी तरह की बाधा नहीं आ रही है.
स्पेशल एजुकेशन से मूक बधिर बच्चे पूरा कर सकते हैं सपना:बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग फॉर द डेफ में निशुल्क ट्रेनिंग लेने वाले आकाश नेगी के स्पेशल एजुकेटर पारुल जैसवाल और भानु गुप्ता ने बताया कि वो इस तरह के बच्चों के हुनर को तराशने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि स्पेशल एजुकेशन के माध्यम से मूक बधिर बच्चे अपना सपना पूरा कर सकते हैं.
हर मुसीबत पार कर आकाश नेगी ने जीता ब्रॉन्ज मेडल
हमेशा खुश रहते हैं आकाश नेगी:18 वर्षीय आकाश नेगी अपने चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कुराहट लिए रहते हैं और उन्हें देखकर नहीं लगता है कि उनके साथ किसी तरह की कोई समस्या है. उनकी मुस्कुराहट देखकर नहीं लगता है कि वह सामान्य बच्चों से कुछ अलग हैं. आकाश की आंखों में वह तमाम सपने नजर आते हैं, जिन्हें वह पूरा करना चाहते हैं और उनके इन सपनों को पूरा करने के लिए माध्यम का काम उनके इंस्ट्रक्टर करते हैं.
ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले आकाश नेगी को उत्तराखंड खेल विभाग ने किया सम्मनित
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मूक बधिर बच्चों के लिए उम्मीद की किरण आकाश नेगी:आकाश नेगी उन तमाम बच्चों के लिए एक उम्मीद की किरण हैं जो कि मूकबधिर हैं. आकाश का कहना है कि उन्हें नहीं लगता है कि वह कोई काम नहीं कर सकते हैं या फिर वह किसी भी तरह से दूसरे बच्चों से अलग हैं.
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