देहरादून: नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो ने उत्तराखंड के साल 2018 का डाटा जारी करके प्रदेश सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. एनसीआरबी की ओर से जारी रिपोर्ट का विश्लेषण करें तो साल 2017 में जघन्य हत्या के 28 मामले दर्ज हुए थे. वहीं, ये आंकड़ा साल 2018 में 61 हो गया. जोकि प्रदेश सरकार और पुलिस कार्रवाई पर बड़े सवाल खड़े करती है.
रिपोर्ट के अनुसार, 34715 संगीन अपराध जिसमें 14739 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज हैं. वहीं, 19976 स्पेशल और लोकल मामले दर्ज किए गए हैं. यदि हम 2017 के आंकड़ों से तुलना करें तो कुल 28861 अपराध दर्ज हुए थे, वहीं साल 2018 में इसकी संख्या बढ़कर 34,715 हो गई.
हत्या मामलों के आंकड़े
अपराधिक रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के मामले में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है. जहां, साल 2017 में हत्या के 181 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं ये आंकड़े बढ़कर 211 हो गए. प्रेम प्रसंग के कारण हुई हत्या के आंकड़े 17 ही हैं. इसके साथ ही आपसी विवाद की वजह से हुई हत्या के 26 मामले साल 2017 में दर्ज किए गए थे. जो साल 2018 में बढ़कर 45 हो गए. एक बात जो कि सुकून वाली है कि दहेज के लिए साल 2017 मे तीन हत्याएं हुई थीं, वहीं, साल 2018 में ये आंकड़ा शून्य रहा.