उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

अंकिता हत्याकांड: आरोपियों का हो सकता है नार्को टेस्ट, जल्द SIT दाखिल करेगी चार्जशीट

अंकिता हत्याकांड (Ankita murder case) में आरोपियों का नार्को टेस्ट (Narco test in Ankita murder case) किया जा सकता है. साथ ही जल्द ही SIT अंकिता हत्याकांड मामले में चार्जशीट दाखिल करेगी. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ वी मुरुगेशन ने बताया कि फॉरेंसिक लैब से जुड़ी रिपोर्ट सहित इस मामले में सभी पहलुओं को बारीकी से देखा जा रहा है.

Etv Bharat
अंकिता हत्याकांड: आरोपियों का हो सकता हैं नार्को टेस्ट

By

Published : Dec 1, 2022, 7:59 PM IST

देहरादून:अंकित हत्याकांड को लेकर जहां एक तरफ लगातार प्रदेश में जमकर राजनीति हो रही है. वहीं, इस मामले की सीबीआई जांच की मांग भी पुरजोर तरीके से विपक्ष और सामाजिक संगठनों द्वारा की रही है. दूसरी तरफ घटना के दो माह से अधिक का समय गुजर जाने के बावजूद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल न होने को लेकर भी पुलिस महकमे पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं, इस मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर का कहना है कि जरूरत पड़ी तो आरोपियों का नार्को टेस्ट भी करवाया जा सकता है. जल्द ही सभी फाइंडिंग के साथ कोर्ट में चार्जशीट सबमिट की जाएगी.

इस मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ वी मुरुगेशन ने बताया कि फॉरेंसिक लैब से जुड़ी रिपोर्ट सहित इस मामले में सभी पहलुओं को खंगाला जा रहा है. ऐसे में इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने में थोड़ी देरी हो रही है. हालांकि, 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी होती है, ऐसे में जल्द ही इस मामले में चार्जशीट कोर्ट में सबमिट की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता होती है तो इस मामले में आरोपियों का नार्को टेस्ट भी करवाया जाएगा.

आरोपियों का हो सकता है नार्को टेस्ट.

पढ़ें-अंकिता हत्याकांड में VIP के नाम से पर्दा हटा! सदन में मंत्री ने बताया सच

मीडिया ट्रॉयल केस को कर सकता है प्रभावित:उधर, इस मामले में कानूनी जानकारों की मानें तो अंकिता हत्याकांड को लेकर जो राजनीति हो रही है, वह नहीं होनी चाहिए. एसआईटी की टीम न्यायालय की निगरानी में इस मामले की जांच कर रही है. ऐसे में इस मामले में कोई कोताही बरतने का सवाल ही नहीं है. वहीं, विपक्ष जो सीबीआई जांच की मांग कर रहा है, इस पर उच्च न्यायालय ही विचार कर सकता है. इसलिए भी इस मामले में चार्जशीट को लेकर देर हो रही है.

वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी के मुताबिक, ऐसे मामलों में राजनीति करना ठीक नहीं है. उत्तराखंड की बेटी अंकिता हत्याकांड में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच में कमल होकर इंसाफ मिले. यह प्रदेश के सभी कानून की पैरवी करने वाले अधिवक्ता भी चाहते हैं. नियमानुसार इस केस में 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल होने की प्रबल संभावना नजर आ रही है.

पढ़ें-Ankita Murder Case: धरने पर बैठे परिजनों की मांग- 'आरोपियों का हो नार्को टेस्ट, सीबीआई को सौंपी जाए जांच'

ठोस एविडेंस के साथ कोर्ट में रखी जाए चार्जशीट: अधिवक्ता तिवारी का कहना है कि जिस तरह से पुलिस की जांच पर सवाल उठाकर सोशल मीडिया पर तमाम राजनीतिक दल संगठन और कुछेक लोगों द्वारा मीडिया ट्रायल किया जा रहा हैं. उससे न सिर्फ आरोपियों को फायदा हो सकता है, बल्कि केस भी प्रभावित होने की संभावना है. पुख्ता सबूतों और साक्ष्य के आधार पर ही केस की सुनवाई होगी. क्योंकि, इस वारदात में जिस तरह की IPC की धाराएं लगाई गई हैं, उसमें आजीवन कारावास फांसी का प्रावधान है. ऐसे नहीं चार्जशीट को दाखिल करने से पहले ठोस एविडेंस कोर्ट के समक्ष रखना काफी महत्वपूर्ण हैं.

गौर हो कि, पौड़ी जिले के यमकेश्वर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी. 18 सितंबर 2022 की रात वो रिजॉर्ट से अचानक लापता हो गई थी. अंकिता की गुमशुदगी के मामले में 23 सितंबर को पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों की निशानदेही पर ही पुलिस ने 24 सितंबर को अंकिता का शव नहर से बरामद किया था. इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ और अंकित गिरफ्तार हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details