देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित लैंड रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा मामले में मुजफ्फरनगर के नामी गैंगस्टर और हिस्ट्रीशीटर विशाल कुमार को दून पुलिस ने गिरफ्तार किया है. साथ ही आरोपी के खिलाफ थाना राजपुर में पंजीकृत धोखाधड़ी के मुकदमे की विवेचना में लापरवाही बरतने पर चौकी प्रभारी जाखन सुमेर सिंह को हटाते हुए कार्यालय से अटैच किया गया. आरोपी ने कमल विरमानी, वकील इमरान और केपी के साथ मिलकर जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की थी. पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है.
जांच में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा:बता दें, 15 जुलाई 2023 को संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन और जिलाधिकारी देहरादून द्वारा गठित समिति ने जांच रिपोर्ट सौंपी, जिसके अनुसार आरोपियों की मिलीभगत और धोखाधड़ी की नीयत से आपराधिक षडयंत्र रचकर रजिस्ट्रार कार्यालय और सब रजिस्ट्रार कार्यालय में अलग-अलग जमीन बेचने और रजिस्ट्री से संबंधित कागजों (डीड संख्या 2719/2720 साल 1972, डीड संख्या 3193, डीड संख्या 3192, डीड संख्या 545 साल 1969, डीड संख्या 10802/10803) के साथ छेड़छाड़ की गई. रिकॉर्ड्स के फर्जीवाड़े के संबध में तहरीर के अनुसार नगर कोतवाली में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.
पढ़ें-देहरादून में बढ़े लैंड फ्रॉड मामले, 284 प्रॉपर्टी डीलर गए जेल, जमीन खरीदते समय बरतें ये सावधानियां
एसआईटी जांच में सामने आया विशाल कुमार का नाम:इसके बाद एसआईटी टीम ने पूरे मामले की जांच करने के बाद संतोष अग्रवाल, दीप चंद अग्रवाल, मक्खन सिंह, कार्यालय में नियुक्त डालचंद, वकील इमरान अहमद, रिकॉर्ड रूम में नियुक्त अजय सिंह क्षेत्री, रोहताश सिंह, विकास पांडे, कुंवर पाल उर्फ केपी और शहर के नामी वकील कमल विरमानी को गिरफ्तार किया. ये सभी वर्तमान में ज्यूडिशियल कस्टडी में जिला कारागार में बंद हैं. एसआईटी ने इन लोगों से पूछताछ की, जिसमें कई अन्य लोगों के नाम सामने आए. जांच में पाया गया कि राजपुर रोड जाखन में स्थित भू-स्वामी स्वरूप रानी की भूमि के डीड (रजिस्ट्री) फर्जी तरीके से तैयार कर मुजफ्फरनगर निवासी मांगे राम (आरोपी विशाल कुमार का पिता) के नाम किए गए. उन्हें भी रजिस्ट्रार रिकॉर्ड रूम में चढ़ाया गया.
पढ़ें- रजिस्ट्रार ऑफिस के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ मामलाः डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से आरोपी विरमानी की जमानत याचिका खारिज
इस जाली रिकॉर्ड की जांच करने पर पाया गया कि आरोपियों ने भूमि के डीड (रजिस्ट्री) मांगे राम के नाम तैयार करने के बाद उनकी मृत्यु दिखाकर उनकी जाली वसीयत उनके बेटे विशाल कुमार के नाम से तैयार की, जिसके आधार पर यह भूमि रेखा शर्मा को बेची गई. उसके बाद यह भूमि रेखा शर्मा से देहरादून निवासी कमल जिंदल को बेची गयी. एसआईटी टीम ने दस्तावेजों की जांच के बाद मुजफ्फरनगर से आरोपी विशाल को गिरफ्तार किया है.
पढ़ें-जमीनों के फर्जीवाड़े पर कसेगी नकेल, जिला प्रशासन के बाद पुलिस के निशाने पर भूमाफिया
मुजफ्फनगर में हिस्ट्रीशीटर है आरोपी विशाल:आरोपी विशाल कुमार प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है. आरोपी के खिलाफ मुजफ्फरनगर में पहले से 15 मुकदमे पंजीकृत हैं. आरोपी मुजफ्फनगर से हिस्ट्रीशीटर भी है. आरोपी प्रॉपर्टी के सिलसिले में देहरादून आया करता था. साल 2018 में आरोपी की मुलाकात वकील कमल विरमानी से हुई थी. कमल विरमानी ने ही आरोपी को जाखन में स्वरूप रानी की प्रॉपर्टी दिखायी और ये बताया कि स्वरूप रानी की मौत हो चुकी है. उनकी बेटियां नोएडा और विदेश में रहती हैं. कमल विरमानी ने ही विशाल कुमार को वकील इमरान के पास भेजा. उसके बाद विशाल कुमार की मुलाकात केपी उर्फ कुंवर पाल से करायी गयी.
पढ़ें-देहरादून सब रजिस्ट्रार कार्यालय में भूमि बैनामों में बड़ा घोटाला, अज्ञात पर मुकदमा दर्ज, जांच के लिए एसआईटी गठित